डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ संबंधों को फिर से मजबूत करने का किया आश्वासन

ट्रंप का भारत के प्रति नया दृष्टिकोण
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रति अपने दृष्टिकोण में बदलाव किया है। उन्होंने कहा है कि वे भारत के साथ संबंधों को फिर से पहले जैसा बनाने के लिए तैयार हैं। ट्रंप ने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके मित्र हैं और यह मित्रता बनी रहेगी। इससे पहले, उन्होंने भारत के चीन के करीब जाने के मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए थे। अब, उन्होंने संबंधों को पुनर्स्थापित करने की बात की है, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
व्हाइट हाउस में ट्रंप का बयान
राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा। भारत के साथ संबंधों को रीसेट करने के लिए हमेशा तैयार हूं।' हालांकि, उन्होंने पहले स्पष्ट किया था कि भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ में कोई बदलाव नहीं होगा। यह स्पष्ट है कि टैरिफ में बदलाव के बिना संबंधों की बहाली संभव नहीं है। इस बीच, व्यापार वार्ता के लिए अमेरिकी टीम 27 अगस्त को भारत आने वाली थी, लेकिन इसे रोक दिया गया।
सोशल मीडिया पर ट्रंप की टिप्पणी
ट्रंप ने भारत और रूस के संबंधों को लेकर एक पोस्ट में लिखा था, 'ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। उम्मीद है उनका भविष्य अच्छा होगा।' इस पोस्ट के कुछ घंटों बाद, उन्होंने भारत के साथ संबंधों को बहाल करने की बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के बयान को साझा करते हुए कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों के प्रति उनके विचारों की मैं सराहना करता हूं। भारत और अमेरिका के बीच एक सकारात्मक और दूरदर्शी वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।'
विदेश मंत्री का बयान
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'पीएम मोदी अमेरिका के साथ हमारी साझेदारी को बहुत महत्व देते हैं। ट्रंप के साथ मोदी के व्यक्तिगत संबंध हमेशा अच्छे रहे हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में हम अमेरिका के साथ जुड़े हुए हैं।
ट्रंप की व्यापार वार्ता पर टिप्पणी
वॉशिंगटन में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, ट्रंप ने भारत और अन्य देशों के साथ व्यापार वार्ता को सकारात्मक बताया, लेकिन यूरोपीय संघ द्वारा गूगल पर लगाए गए तीन अरब डॉलर के जुर्माने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने यह भी कहा कि वे भारत के रूसी तेल खरीदने के कारण निराश हैं और इसके लिए 50 प्रतिशत का भारी टैरिफ लगाया गया है।