डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र को दी आर्थिक मदद में कटौती की चेतावनी
आर्थिक सहायता में दो अरब डॉलर की कमी
डोनाल्ड ट्रंप ने दी आर्थिक मदद में कटौती की घोषणा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र को दी जाने वाली वित्तीय सहायता में कटौती करने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह घोषणा की है कि अमेरिका द्वारा दी जाने वाली दो अरब डॉलर की मदद, जो कि यूएन द्वारा मानवता की भलाई के लिए उपयोग की जाती है, में कमी की जाएगी। ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों को चेतावनी दी है कि उन्हें नई वास्तविकता को स्वीकार करना होगा या फिर इसके परिणामों के लिए तैयार रहना होगा।
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका ने पिछले वर्षों में यूएन को लगभग 17 अरब डॉलर की वार्षिक सहायता दी है, जिसमें से 8-10 अरब डॉलर स्वैच्छिक योगदान के रूप में होते थे। इसके अलावा, अन्य पश्चिमी देशों ने भी यूएन की फंडिंग में कटौती की है, जिसका असर विभिन्न मानवीय योजनाओं पर पड़ा है।
अमेरिका की भूमिका पर सवाल
ट्रंप ने पहले भी यूएन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अमेरिका अब 'वास्तविक संयुक्त राष्ट्र' बन गया है, क्योंकि यूएन वैश्विक संघर्षों को सुलझाने में प्रभावी नहीं रहा है। उन्होंने थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष के समाप्त होने की घोषणा करते हुए इसे 'तेज और निष्पक्ष फैसला' बताया।
मानवता की भलाई पर प्रभाव
यूएन की फंडिंग में कटौती के फैसले की आलोचना करने वालों का कहना है कि इससे लाखों लोग भुखमरी और बीमारियों का सामना कर सकते हैं। अमेरिका की सॉफ्ट पावर को भी इससे नुकसान होगा। यूएन की एजेंसियों को पहले से ही कम खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
अमेरिका से मिलने वाली फंडिंग में कटौती का सीधा असर अफगानिस्तान में भुखमरी का सामना कर रहे लोगों पर पड़ेगा, जहां लगभग 2.39 करोड़ लोग प्रभावित हैं।
