डोनाल्ड ट्रंप ने सर्गियो गोर को भारत का नया राजदूत नियुक्त किया

सर्गियो गोर की नियुक्ति
अमेरिकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप ने अपने करीबी सहयोगी सर्गियो गोर को भारत के नए राजदूत के रूप में नामित किया है। यह नामांकन अब अमेरिकी सीनेट की स्वीकृति का इंतजार कर रहा है। यदि गोर को मंजूरी मिलती है, तो वे न केवल भारत में अमेरिका के राजदूत बनेंगे, बल्कि उन्हें दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के विशेष दूत की जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी। इस भूमिका में पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे महत्वपूर्ण देशों का समावेश है, जहां अमेरिका के स्थायी राजदूत अभी तक नियुक्त नहीं हुए हैं। गोर, यदि कार्यभार ग्रहण करते हैं, तो 39 वर्ष की आयु में भारत में अमेरिका के सबसे युवा राजदूत बन जाएंगे।
गोर की पृष्ठभूमि और विवाद
गोर की नियुक्ति मौजूदा राजदूत एरिक गार्सेटी की जगह होगी, जो डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में नियुक्त किए गए थे। बाइडेन के सत्ता से हटने के बाद गार्सेटी अपने गृह राज्य कैलिफोर्निया लौट चुके हैं। ट्रंप ने गोर की प्रशंसा की है, लेकिन उनके बारे में कई विवाद भी उठ चुके हैं। हाल ही में एलन मस्क ने उन पर नासा से जुड़े मामलों में गलत तरीके से हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। इसके अलावा, गोर ने लंबे समय तक खुद को माल्टा में जन्मा बताया, जबकि बाद में यह खुलासा हुआ कि वे उज्बेकिस्तान में पैदा हुए थे।
भारत के साथ संबंधों में सुधार
भारत को लेकर कम ज्ञान, फिर भी ट्रंप ने सौंपी कमान
पॉलिटिको की एक रिपोर्ट के अनुसार, गोर की नियुक्ति का उद्देश्य भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाना नहीं है, बल्कि मोदी सरकार को यह संदेश देना है कि बातचीत को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। राष्ट्रपति ट्रंप अपने करीबी दूत को भेजकर मोदी सरकार को एक मजबूत संकेत दे रहे हैं। ट्रंप के पूर्व सलाहकार स्टीव बैनन ने कहा है कि गोर को भारतीय नीतियों की जानकारी नहीं है, लेकिन वे एक 'तेज़ समझ' वाले व्यक्ति हैं, जिन पर राष्ट्रपति का भरोसा है।
गोर का व्यक्तिगत जीवन
MAGA में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
गोर का जन्म नवंबर 1986 में ताशकंद, उज्बेकिस्तान में हुआ था। उनका परिवार 1999 में अमेरिका चला आया। उन्होंने 2020 में ट्रंप के पहले मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (MAGA) अभियान के दौरान ट्रंप के साथ काम करना शुरू किया। 2024 में ट्रंप के पुनः पदभार ग्रहण करने के बाद, उन्हें व्हाइट हाउस के राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय का निदेशक नियुक्त किया गया।