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डोनाल्ड ट्रम्प के राजनीतिक चंदे का बड़ा खुलासा: 18 हजार करोड़ रुपये जुटाए

हाल ही में एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक वर्ष में लगभग 18 हजार करोड़ रुपये का राजनीतिक चंदा जुटाया। इस चंदे के बदले में कई उद्योगपतियों को नीतिगत लाभ दिए जाने का आरोप है। इसमें भारतीय अमेरिकी टेक लीडरों के नाम भी शामिल हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी ने निष्पक्ष जांच की मांग की है, जबकि ट्रम्प समर्थक इसे सामान्य राजनीतिक प्रक्रिया मानते हैं। इस मुद्दे पर अमेरिका में राजनीतिक बहस तेज हो गई है।
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डोनाल्ड ट्रम्प के राजनीतिक चंदे का बड़ा खुलासा: 18 हजार करोड़ रुपये जुटाए

ट्रम्प के चंदे की जांच की मांग


नवीनतम रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले एक वर्ष में लगभग 18 हजार करोड़ रुपये का राजनीतिक चंदा इकट्ठा किया है। इस चंदे के बदले में कई प्रमुख उद्योगपतियों और कंपनियों को नीतिगत और व्यावसायिक लाभ दिए जाने का आरोप लगाया गया है।


जानकारी के मुताबिक, यह धनराशि चुनावी फंड, सुपर PACs और अन्य राजनीतिक संगठनों के माध्यम से एकत्र की गई। चंदा देने वालों में टेक्नोलॉजी, वित्त, ऊर्जा और रियल एस्टेट क्षेत्रों की प्रमुख कंपनियों और उनके शीर्ष अधिकारी शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई दानदाताओं को टैक्स में छूट, सरकारी अनुबंध, नियामक छूट और नीतिगत निर्णयों से सीधा लाभ मिला है।


इस सूची में छह भारतीय अमेरिकी व्यवसायियों और टेक्नोलॉजी लीडरों के नाम भी शामिल हैं, जिनमें गूगल के CEO सुंदर पिचाई और माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इन नामों का सामने आना किसी भी अवैध गतिविधि का प्रमाण नहीं है, लेकिन राजनीतिक चंदे और नीतिगत निर्णयों के बीच संबंधों पर सवाल उठ रहे हैं।


डेमोक्रेटिक पार्टी और कई नागरिक संगठनों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि चंदे के बदले नीतिगत लाभ दिए गए हैं, तो यह लोकतंत्र और पारदर्शिता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। दूसरी ओर, ट्रम्प समर्थकों का कहना है कि चंदा जुटाना अमेरिकी राजनीति का सामान्य हिस्सा है और सभी लेनदेन कानूनी रूप से किए गए हैं। इस मुद्दे पर अमेरिका में राजनीतिक बहस तेज हो गई है और आने वाले दिनों में कानूनी और संसदीय कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।