Newzfatafatlogo

तंजानिया के इस्माइल अज़ीज़ी: छह बार मौत से लौटने की अद्भुत कहानी

तंजानिया के इस्माइल अज़ीज़ी की कहानी ने जीवन और मृत्यु के बारे में हमारी सोच को चुनौती दी है। उन्होंने छह बार मौत का सामना किया और हर बार चमत्कारिक तरीके से वापस लौटे। उनकी अद्भुत यात्रा में एक गंभीर दुर्घटना, मलेरिया, और कई अन्य घटनाएं शामिल हैं। स्थानीय समुदाय में उनकी बार-बार मृत्यु को लेकर बहस छिड़ गई है, और लोग उन्हें शापित मानते हैं। जानें इस्माइल की कहानी और उनके जीवन के अनुभवों के बारे में।
 | 

जीवन और मृत्यु के रहस्यों का सामना

तंजानिया के इस्माइल अज़ीज़ी की कहानी ने जीवन और मृत्यु के बारे में हमारी सोच को चुनौती दी है। आमतौर पर, समाज में यह मान्यता है कि मृत्यु के बाद जीवन का पुनः प्राप्त होना असंभव है, लेकिन इस्माइल ने छह बार मौत का सामना किया और हर बार चमत्कारिक तरीके से वापस लौटे।


इस्माइल की पहली मृत्यु एक गंभीर दुर्घटना के कारण हुई थी। जब वे अपने कार्यस्थल पर थे, तब एक हादसा हुआ और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उन्हें मुर्दाघर भेजा गया और दफनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। लेकिन जब उनके शरीर को तैयार किया जा रहा था, तो अचानक उन्होंने आंखें खोल दीं और घर की ओर चल पड़े। उन्होंने कहा, "जब मैं मुर्दाघर में था, तो मुझे बहुत ठंड लग रही थी। शुक्र है कि मुर्दाघर बंद नहीं था, और मैं बाहर चला गया। मेरे परिवार ने मुझे देखा और घबरा गए।"


दूसरी बार, अज़ीज़ी को मलेरिया हुआ और उन्हें फिर से मृत घोषित कर दिया गया। लेकिन कुछ समय बाद, उनके शरीर में हरकत हुई और वे जीवित हो गए। जब उनके परिवार ने उन्हें अंतिम संस्कार के लिए तैयार किया था, तब वे अचानक जीवित हो गए। इसके बाद, उनकी मौत के सिलसिले में कई घटनाएं हुईं, जैसे सांप का काटना और गहरे गड्ढे में गिरना। एक बार उनका शव तीन दिन तक मुर्दाघर में पड़ा रहा।


इन घटनाओं ने स्थानीय समुदाय में बहस को जन्म दिया। कुछ लोगों ने अज़ीज़ी की बार-बार मृत्यु को काले जादू या अलौकिक शक्तियों से जोड़ा। कुछ ने उन पर जादू टोना करने का आरोप भी लगाया। हालांकि, अज़ीज़ी ने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया और उनका उद्देश्य केवल सामान्य जीवन जीना था।


अब, इस्माइल अज़ीज़ी एक जर्जर घर में अकेले रहते हैं और खेती, खाना पकाने और सफाई जैसे छोटे कामों में व्यस्त रहते हैं। अफ्रीमैक्स की डॉक्यूमेंट्री के अनुसार, लोग उन्हें शापित या अमर मानते हैं, लेकिन उन्हें अपने परिवार और समुदाय से कोई सहारा नहीं मिल रहा।


इन सभी घटनाओं के बावजूद, इस्माइल अज़ीज़ी शांति से जीवन जी रहे हैं। उनकी कहानी चमत्कार जैसी लग सकती है, लेकिन उनके लिए यह एक नीरस और अकेला अनुभव है। वे कहते हैं, "हर बार जब मैं मरकर वापस आता, तो मेरे शरीर में एक अजीब सा एहसास होता था। लोग मुझसे डरने लगे और मुझे एक डायन की तरह देखते थे।"