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तमिलनाडु पुलिस कस्टडी में हुई मौत: परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा

तमिलनाडु में पुलिस कस्टडी में हुई मौत के मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह मामला तब शुरू हुआ जब एक श्रद्धालु ने मंदिर में अपने सामान के गायब होने की शिकायत की थी, जिसके बाद सुरक्षा गार्ड अजित कुमार को हिरासत में लिया गया। उनकी मौत के बाद, कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया और सीबीआई को जांच सौंप दी। जानें इस मामले की पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।
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तमिलनाडु पुलिस कस्टडी में हुई मौत: परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा

Ajit Kumar Death Case: महत्वपूर्ण अपडेट

Ajit Kumar Death Case: तमिलनाडु में पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में एक नया मोड़ आया है। मद्रास हाई कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, इस मामले की जांच अब सीबीआई को सौंप दी गई है। इस घटना के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतक अजित के परिवार से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। आइए जानते हैं कि यह मामला क्या है।


मामले का विवरण

यह मामला पिछले महीने शिवगंगा जिले के मदापुरम मंदिर से शुरू हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर के सुरक्षा गार्ड अजित कुमार (27) को एक श्रद्धालु ने अपनी कार पार्क करने के लिए कहा था, लेकिन अजित को गाड़ी चलाना नहीं आता था। इसलिए उसने किसी और से गाड़ी पार्क करवाने को कहा। इसके बाद श्रद्धालु ने आरोप लगाया कि उसकी गाड़ी से कुछ नकद और सोना गायब हो गया है। श्रद्धालु की शिकायत पर पुलिस ने अजित कुमार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।


कुछ समय बाद, पुलिस की हिरासत में अजित कुमार की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बताया गया कि उसके शरीर पर 40 से अधिक गंभीर चोटों के निशान थे। यह रिपोर्ट स्पष्ट रूप से बताती है कि हिरासत में अजित कुमार को यातनाएं दी गईं।


हाई कोर्ट की कार्रवाई

मद्रास हाई कोर्ट ने इस मामले में सामने आए तथ्यों को गंभीरता से लिया। कोर्ट ने सेशन कोर्ट के एक जज की विस्तृत रिपोर्ट को आधार बनाया, जिसमें पुष्टि हुई कि अजित कुमार की मौत हिरासत में दी गई यातनाओं के कारण हुई थी। कोर्ट ने कहा कि एक सभ्य समाज में इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मदुरै पीठ ने भी इस मामले पर तीखी टिप्पणी की कि 'इतनी क्रूरता तो एक हत्यारा भी नहीं करता।'


अंतरिम मुआवजे की घोषणा

तमिलनाडु सरकार ने इस मामले के प्रकाश में आने पर अजित के परिवार को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी। इसके साथ ही, अजित के भाई को सरकारी नौकरी और परिवार को रेजिडेंशियल प्लॉट देने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि अजित के परिवार को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा दिया जाए।