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तमिलनाडु में करूर भगदड़: 40 की मौत, पुलिस ने साजिश के आरोपों को किया खारिज

तमिलनाडु के करूर में टीवीके प्रमुख विजय की रैली में हुई भगदड़ ने 40 लोगों की जान ले ली और लगभग 70 लोग घायल हुए। पुलिस ने इस घटना को आकस्मिक बताते हुए साजिश के आरोपों को खारिज किया है। अधिकारियों का कहना है कि रैली के दौरान दिशा-निर्देशों की अनदेखी और अत्यधिक भीड़ के कारण यह घटना हुई। टीवीके ने स्वतंत्र जांच की मांग की है। जानें इस घटना के सभी पहलुओं के बारे में।
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तमिलनाडु में करूर भगदड़: 40 की मौत, पुलिस ने साजिश के आरोपों को किया खारिज

करूर में हुई भगदड़ की घटना

करूर भगदड़: तमिलनाडु के करूर में टीवीके प्रमुख विजय की रैली के दौरान हुई भगदड़ ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। इस घटना में शनिवार को 40 लोगों की जान चली गई, जबकि लगभग 70 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। तमिलनाडु पुलिस ने टीवीके द्वारा लगाए गए साजिश के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।


अधिकारियों के अनुसार, रैली के दौरान दिशा-निर्देशों की अनदेखी और अत्यधिक भीड़ के कारण यह घटना हुई।


पुलिस का स्पष्टीकरण

पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह घटना आकस्मिक थी और इसे किसी साजिश का हिस्सा नहीं माना जा सकता। तमिलनाडु पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) डेविडसन देवसिरवथम ने बताया कि विजय की पार्टी ने पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया था, लेकिन भीड़ इतनी अधिक थी कि उसे नियंत्रित करना संभव नहीं हो सका।


टीवीके के आरोपों का खंडन

ADGP डेविडसन ने कहा कि तमिलगा वेत्री कझगम ने पथराव के कारण भगदड़ का आरोप लगाया, लेकिन ऐसी कोई घटना नहीं हुई। रैली में देरी के कारण नमक्कल और करूर से भारी भीड़ करूर में इकट्ठा हो गई। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने भाषण के लिए कम भीड़ वाले स्थान का सुझाव दिया था, जिसे आयोजकों ने ठुकरा दिया।


अनुमति और पुलिस व्यवस्था

विजय की पार्टी ने 12,000 लोगों के लिए अनुमति प्राप्त की थी और उसके अनुसार पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था। एडीजीपी ने कहा कि रैली स्थल पर बस की रोशनी कम होने के कारण लोग बस के साथ चलने लगे और भीड़ तेजी से बढ़ गई। वालंटियर्स या बाउंसर्स भी भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सके।


27 सितंबर की रात लगभग 9 बजे रैली के दौरान स्थिति असंतुलित हो गई और अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान कई लोग बेहोश हो गए और भगदड़ में कई बच्चों, महिलाओं और आम जनता की जान चली गई।


टीवीके का दावा और अदालत की मांग

टीवीके ने इस घटना को साजिश का हिस्सा बताते हुए मद्रास उच्च न्यायालय में स्वतंत्र जांच की मांग की है। पार्टी का आरोप है कि रैली में अचानक बिजली चली गई और पुलिस के कथित लाठीचार्ज ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। पुलिस ने स्पष्ट किया कि भगदड़ की जिम्मेदारी रैली के आयोजन और भीड़ नियंत्रण में चूक पर है, ना कि किसी साजिश पर। अधिकारियों का कहना है कि घटना को लेकर लगाए गए आरोप निराधार हैं।