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तमिलनाडु में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग

तमिलनाडु का वन विभाग जंगलों और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए आधुनिक ड्रोन तकनीक का उपयोग कर रहा है। ये ड्रोन न केवल वन्यजीवों की गतिविधियों पर नज़र रखते हैं, बल्कि आग लगने की घटनाओं में भी तेजी से प्रतिक्रिया करने में मदद करते हैं। जानें कैसे यह तकनीक पारंपरिक तरीकों को बदलकर जंगल प्रबंधन को अधिक प्रभावी बना रही है।
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तमिलनाडु में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग

ड्रोन तकनीक से वन्यजीवों की निगरानी

तमिलनाडु का वन विभाग जंगलों और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा ले रहा है। बड़े और दूरदराज के जंगलों में निगरानी करना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन अब हाई-टेक ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। ये ड्रोन जंगल के उन हिस्सों में पहुँच सकते हैं जहाँ मानव पहुंच मुश्किल है।


इन ड्रोन में कैमरे और अन्य सेंसर लगे होते हैं, जो वन्यजीवों की गतिविधियों पर नज़र रखते हैं। इससे पता चलता है कि जानवर कहाँ जा रहे हैं, उनकी संख्या क्या है, और क्या उन्हें किसी खतरे का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि अवैध शिकार।


इसके अलावा, ये ड्रोन जंगल में आग लगने की घटनाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आग लगने की स्थिति में, ड्रोन तुरंत उस स्थान का पता लगा सकते हैं और आग के फैलाव का आकलन कर सकते हैं। इससे दमकल कर्मियों को सही जानकारी मिलती है, जिससे वे तेजी से कार्रवाई कर सकते हैं।


यह पहल दिखाती है कि तकनीक का सही उपयोग कैसे वन्यजीवों और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा में सहायक हो सकता है। तमिलनाडु वन विभाग का यह कदम पारंपरिक तरीकों को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर जंगल प्रबंधन को अधिक प्रभावी बना रहा है।