तमिलनाडु में विजय की रैली में भगदड़: 39 लोगों की जान गई, क्या थी वजह?

करूर रैली में हुई भयानक भगदड़
करूर रैली में भगदड़: तमिलनाडु के करूर में अभिनेता से राजनेता बने विजय की रैली एक भयानक हादसे में बदल गई, जिसमें 39 लोगों की जान चली गई। मृतकों में 10 नाबालिग भी शामिल हैं, जिनमें एक 2 साल का बच्चा भी है। इसके अलावा, कई महिलाएं और युवा भी इस त्रासदी का शिकार हुए हैं, जिनकी उम्र 20 से 30 वर्ष के बीच है।
दृश्यों ने किया भावुक
सोशल मीडिया पर कुछ दिल दहला देने वाले दृश्य सामने आए हैं। एक पिता अपने घायल बच्चे को गोद में उठाए अस्पताल में मदद की गुहार लगा रहा था, जबकि एक मां अपने मृत बच्चे को छोड़ने को तैयार नहीं थी, भले ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
मासूमों की भी गई जान
मृतकों में मासूम भी शामिल: इस हादसे में जिन बच्चों की जान गई उनमें हेमलता (8), सैलेत्सना (8), साई जीवा (4), गुरु विष्णु (2), कृतिक (7), और किशोर (17) शामिल हैं। इसके अलावा थमराईकन्नन (25), सुकन्या (33), आकाश (23), प्रियदर्शिनी (35) और कई अन्य वयस्क भी इस हादसे का शिकार हुए।
अव्यवस्था का था असर
अव्यवस्था बनी वजह: सूत्रों के अनुसार, विजय रैली में लगभग सात घंटे की देरी से पहुंचे, जबकि स्थल की क्षमता 10,000 थी, लेकिन वहां 27,000 से अधिक लोग इकट्ठा हो गए। कार्यक्रम स्थल पर न तो भोजन की उचित व्यवस्था थी और न ही पीने के पानी की। सुरक्षा इंतजाम भी नाकाफी थे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
राजनीतिक विरोध: राज्य सरकार ने आरोप लगाया है कि रैली में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई थी। टीवीके के महासचिव एन आनंद समेत दो शीर्ष नेताओं के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। विजय को इस घटना के बाद आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
विजय की संवेदनाएं
विजय ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये और घायलों को 2-2 लाख रुपये देने का ऐलान किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, “मेरे पास शब्द नहीं हैं। यह नुकसान अपूरणीय है। मैं आपके साथ खड़ा हूं।” उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की।
सरकार की कार्रवाई
राज्य सरकार की कार्रवाई: मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने करूर का दौरा कर घायलों और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि पीड़ित परिवारों के आंसू और दर्द उनके दिल से नहीं हट रहा है। सरकार ने मामले की जांच के लिए एक रिटायर हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।