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तमिलनाडु में विजय की रैली में भगदड़: 40 लोगों की मौत, परिवारों का आक्रोश

तमिलनाडु के करूर में अभिनेता विजय की रैली में हुई भगदड़ ने 40 लोगों की जान ले ली है, जिसमें 28 वर्षीय बृंदा भी शामिल हैं। रैली में शामिल होने आई बृंदा अपने छोटे बच्चे को अपनी बहन के पास छोड़कर गई थीं। घटना के बाद विजय ने आर्थिक सहायता की घोषणा की, लेकिन बृंदा के परिवार ने इसे नकारते हुए कहा कि उन्हें पैसे की नहीं, अपनी बहन की जरूरत है। यह घटना पूरे तमिलनाडु में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है।
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तमिलनाडु में विजय की रैली में भगदड़: 40 लोगों की मौत, परिवारों का आक्रोश

करूर में मची भगदड़

करूर भगदड़: तमिलनाडु के करूर में अभिनेता और टीवीके प्रमुख विजय की रैली के दौरान हुई भगदड़ में अब तक 40 लोगों की जान चली गई है। लगभग 100 लोग अस्पताल में गंभीर स्थिति में हैं। मृतकों में 28 वर्षीय बृंदा भी शामिल हैं, जो अपने दो साल के बच्चे को अपनी बहन के पास छोड़कर अपने पसंदीदा अभिनेता विजय की झलक पाने आई थीं। दुर्भाग्यवश, यह रैली उनके लिए अंतिम साबित हुई और अफरा-तफरी में उनकी जान चली गई।


बृंदा की बहन का बयान

'फोन नहीं उठाया, फिर…': बृंदा की बहन


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बृंदा की बहन ने कहा कि मेरी बहन अपने बच्चे को मेरे पास छोड़कर रैली में गई थी। हमने शाम करीब 4 बजे उसे फोन किया, लेकिन उसने नहीं उठाया। कई बार कोशिश करने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला। रात 10 बजे के बाद उसका फोन पूरी तरह से बंद हो गया। अगली सुबह, जब बृंदा के पति ने आयोजकों को उसकी तस्वीर भेजी, तब सच्चाई सामने आई कि वह भगदड़ की शिकार हो चुकी थीं।


विजय का दुख

विजय ने जताया दुख


अभिनेता विजय ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के लिए ₹20 लाख और घायलों के लिए ₹2 लाख की सहायता की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह हादसा उन्हें बहुत विचलित कर गया है और वह प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हैं।


परिवार का आक्रोश

'पैसा नहीं, बहन चाहिए…', परिवार का आक्रोश


बृंदा की बहन ने विजय की आर्थिक सहायता की घोषणा को नकारते हुए भावुक शब्दों में कहा कि हमें पैसे की जरूरत नहीं, हमें हमारी बहन वापस चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि ऐसी रैलियों में उचित व्यवस्था नहीं की जाती है, तो ऐसी घोषणाओं का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक आयोजनों में पर्याप्त जगह, पानी और खाने की व्यवस्था होनी चाहिए। केवल मुआवजा देने से कुछ नहीं होगा। क्या वे हमारी बहन की जिंदगी लौटा सकते हैं?


सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

यह घटना न केवल करूर बल्कि पूरे तमिलनाडु को झकझोर कर रख दिया है। लोग और मृतकों के परिवार यह सवाल उठा रहे हैं कि इतनी बड़ी भीड़ के बीच सुरक्षा के इंतजाम क्यों अपर्याप्त थे। क्या बेहतर प्रबंधन से इस हादसे को टाला जा सकता था?