तालिबान का इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं पर प्रतिबंध: अफगानिस्तान में संचार का संकट

तालिबान का नया आदेश
Afghanistan Internet-Mobile Banned: तालिबान ने अफगानिस्तान में एक नया कठोर आदेश जारी किया है, जिसके तहत पूरे देश में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। इस निर्णय ने 4.3 करोड़ से अधिक लोगों को बाहरी दुनिया से पूरी तरह अलग कर दिया है। नेटब्लॉक्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस आदेश के लागू होने के बाद सोमवार को अफगानिस्तान की कनेक्टिविटी केवल 1% पर रह गई।
ब्लैकआउट का कारण
बल्ख प्रांत के प्रवक्ता अत्ता उल्लाह जईद ने कहा कि यह कदम 'बुराई रोकने' के उद्देश्य से उठाया गया है और भविष्य में वैकल्पिक विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे। हालांकि, इस अचानक लागू हुए ब्लैकआउट ने बैंकिंग, कस्टम्स, व्यापार और आम नागरिकों के जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
जरूरी सेवाओं पर प्रभाव
बैंकिंग क्षेत्र, कस्टम्स और व्यापार नेटवर्क ऑनलाइन सिस्टम पर निर्भर हैं, और अब उनके संचालन ठप हो गए हैं। अफगानिस्तान का 9,350 किमी लंबा फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क, जिसे वैश्विक अर्थव्यवस्था से जोड़ने वाली जीवनरेखा माना जाता था, अब बेकार हो गया है।
उड़ानों में रुकावट
काबुल एयरपोर्ट से उड़ानें भी रद्द करनी पड़ीं। फ्लाइटराडार 24 के अनुसार, मंगलवार को कम से कम 8 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें प्रभावित हुईं। एयरपोर्ट पर यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
महिलाओं पर बढ़ता दबाव
तालिबान शासन के तहत महिलाएं लगातार नए प्रतिबंधों का सामना कर रही हैं। हाल ही में विश्वविद्यालयों से महिलाओं की लिखी किताबें हटा दी गईं और 12 साल की उम्र के बाद लड़कियों को पढ़ाई से रोक दिया गया। अब इंटरनेट ब्लैकआउट ने उन्हें शिक्षा और बाहरी दुनिया से जुड़े हर अवसर से दूर कर दिया है।
मानवाधिकार संकट
महिला अधिकार संगठन विमेन फॉर अफगान विमेन की संचार प्रबंधक सबेना चौधरी ने बताया कि यह ब्लैकआउट न केवल अफगानों की आवाज़ को दबा रहा है, बल्कि उन्हें पूरी तरह से दुनिया से काट रहा है। यहां तक कि न्यूयॉर्क से संगठन अपने अफगान कर्मचारियों से भी संपर्क नहीं कर पा रहा है।