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तालिबान ने बगराम एयरबेस पर ट्रंप की चेतावनी का दिया जवाब

बगराम एयरबेस पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद तालिबान ने कड़ा जवाब दिया है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी भूमि का एक इंच भी नहीं देंगे। तालिबान ने दोहा समझौते का हवाला देते हुए अमेरिका से यथार्थवादी नीति अपनाने की मांग की है। जानें इस तनाव के पीछे की वजहें और तालिबान का रुख क्या है।
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तालिबान ने बगराम एयरबेस पर ट्रंप की चेतावनी का दिया जवाब

तालिबान की कड़ी प्रतिक्रिया

बगराम एयरबेस एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि बगराम एयरबेस उन्हें वापस नहीं किया गया, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस पर तालिबान ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया है कि वे अमेरिकियों को अपनी भूमि का एक इंच भी नहीं देंगे, एयरबेस तो बहुत दूर की बात है। यदि आवश्यक हुआ, तो वे अगले 20 वर्षों तक लड़ाई जारी रखेंगे।


दोहा समझौते का संदर्भ

इस्लामिक अमीरात के उप प्रवक्ता हमीदुल्लाह फितरत ने दोहा समझौते का उल्लेख करते हुए कहा कि अमेरिका ने वादा किया था कि वह अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता और राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ बल का प्रयोग नहीं करेगा। तालिबान का संदेश स्पष्ट है कि अफगानिस्तान की स्वतंत्रता पर कोई समझौता नहीं होगा। अमेरिका को यथार्थवादी और तर्कसंगत नीति अपनानी होगी। मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान की विदेश नीति आर्थिक हितों पर केंद्रित है।


अमेरिका के साथ संबंध

तालिबान के प्रवक्ता ने सभी देशों से साझा हितों के आधार पर संबंध स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका को द्विपक्षीय वार्ताओं के दौरान यह बताया गया है कि अफगानिस्तान की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता सर्वोपरि है। मुजाहिद ने ट्रंप प्रशासन के साथ बगराम के संबंध में हुई बातचीत पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पिछले साल अगस्त में तालिबान ने बगराम पर अपने कब्जे की तीसरी वर्षगांठ मनाई थी, जिसमें छोड़े गए अमेरिकी साजो-सामान को प्रदर्शित किया गया था।


बगराम का सामरिक महत्व

चीन के साथ निकटता के कारण बगराम अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण सामरिक केंद्र बन गया है। ट्रंप ने इसे दुनिया के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक बताया और कहा कि इसका 3,600 मीटर लंबा रनवे मालवाहक और बमवर्षक विमानों के लिए उपयुक्त है। हालांकि, तालिबान ने चीन के नियंत्रण के आरोपों का खंडन किया है। यह एयरबेस न केवल अफगानिस्तान के सैन्य और राजनीतिक संतुलन का केंद्र रहा है, बल्कि इसकी भौगोलिक स्थिति चीन, रूस, ईरान और मध्य एशिया पर नजर रखने के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।