तिरुपति में जल संकट का समाधान: कृष्णा नदी का पानी बालाजी जलाशय तक लाया जाएगा

तिरुपति में जल संकट का समाधान
तिरुपति और उसके आस-पास के क्षेत्रों में पानी की समस्या को हल करने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना पर कार्य चल रहा है। इस योजना के तहत कृष्णा नदी का जल तिरुपति के बालाजी जलाशय तक लाया जाएगा, जिससे इस पवित्र शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों में पीने के पानी की कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकेगा।यह परियोजना क्यों आवश्यक है? बालाजी जलाशय तिरुपति शहर और श्रीवारी मंदिर के लिए जल का एक प्रमुख स्रोत है। हालांकि, कभी-कभी बारिश की कमी या जनसंख्या वृद्धि के कारण जलाशय में जल स्तर घट जाता है, जिससे जल संकट उत्पन्न होता है। कृष्णा नदी का जल लाने से जलाशय को पूरे वर्ष भरा रखने में मदद मिलेगी और पानी की कमी का स्थायी समाधान प्राप्त होगा।
कृष्णा का जल कैसे पहुंचेगा? इस परियोजना के अंतर्गत कृष्णा नदी से जल को लिफ्ट सिंचाई योजनाओं या अन्य तरीकों से बालाजी जलाशय तक पहुंचाया जाएगा। इसमें नहरों, पाइपलाइनों और पंपिंग स्टेशनों का एक व्यापक नेटवर्क शामिल होगा। यह एक विशाल इंजीनियरिंग परियोजना है, जिसमें समय और निवेश की आवश्यकता होगी, लेकिन इसके लाभ दीर्घकालिक होंगे।
किसे मिलेगा लाभ? तिरुपति शहर: शहर की बढ़ती जनसंख्या को स्वच्छ और पर्याप्त पीने का जल प्राप्त होगा। श्रीवारी मंदिर: भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए जल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित होगी। आसपास के गांव: जलाशय से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में भी पेयजल और सिंचाई के लिए जल उपलब्ध होगा। पर्यटन: जब जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, तो पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जो तिरुपति की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
जल सुरक्षा और प्रबंधन: यह परियोजना आंध्र प्रदेश में जल सुरक्षा और प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार पीने के जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने और कृषि को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। कृष्णा नदी के जल को बालाजी जलाशय तक लाना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।