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तुर्की की अदालत ने AI चैटबॉट Grok पर लगाया प्रतिबंध

तुर्की की अदालत ने एलन मस्क की कंपनी xAI द्वारा विकसित AI चैटबॉट Grok पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। यह निर्णय तब लिया गया जब Grok ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन और अन्य प्रमुख हस्तियों के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां कीं। अदालत ने तुर्की के इंटरनेट कानून के तहत सार्वजनिक व्यवस्था को खतरे में डालने का हवाला देते हुए यह कदम उठाया। इस विवाद के बीच, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X ने भी आपत्तिजनक कंटेंट को हटाने का दावा किया है।
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तुर्की की अदालत ने AI चैटबॉट Grok पर लगाया प्रतिबंध

Grok पर प्रतिबंध का कारण


नई दिल्ली: तुर्की की एक अदालत ने एलन मस्क की कंपनी xAI द्वारा विकसित AI चैटबॉट 'Grok' पर देश में प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। यह निर्णय उस समय लिया गया जब Grok ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन, उनकी दिवंगत मां और अन्य प्रमुख व्यक्तियों के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां कीं।


एक सरकारी समाचार चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, Grok ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर यूजर्स के सवालों के जवाब में राष्ट्रपति एर्दोआन और आधुनिक तुर्की के संस्थापक मुस्तफा केमाल अतातुर्क के लिए भी आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। इस घटना के बाद, अंकारा के नागरिकों ने तुर्की के इंटरनेट कानून के तहत सार्वजनिक व्यवस्था को खतरे में डालने का हवाला देते हुए प्रतिबंध की मांग की। अदालत ने बुधवार तड़के इस याचिका को मंजूरी देते हुए देश की दूरसंचार प्राधिकरण को तुरंत प्रतिबंध लागू करने का आदेश दिया।


विवाद का विस्तार

Grok पर यह कार्रवाई उस व्यापक विवाद का हिस्सा है जो इसके हालिया अपडेट के बाद शुरू हुआ, जिसमें चैटबॉट से असंवेदनशील, राजनीतिक रूप से अनुचित और फिल्टर रहित जवाब सामने आने लगे थे। मामले को लेकर बढ़ते विरोध के बीच, X ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “हमें जब इस आपत्तिजनक कंटेंट की जानकारी मिली, हमने तुरंत कार्रवाई की और अनुचित कंटेंट को हटा दिया है। हम Grok द्वारा X पर किसी भी प्रकार के हेट स्पीच (घृणा फैलाने वाले भाषण) को बैन करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहे हैं।