तुर्की की नजरें ब्रिटेन के यूरोफाइटर टाइफून पर, अमेरिका से F-35 की उम्मीदें टूटीं

तुर्की का नया सैन्य सौदा
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को अमेरिका से एक बड़ा झटका लगा है, जब वॉशिंगटन ने उन्हें F-35 स्टील्थ फाइटर जेट की बिक्री से मना कर दिया। एर्दोगन ने इस विमान को प्राप्त करने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन अमेरिका ने स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया। अब तुर्की ने ब्रिटेन की ओर रुख किया है, जहां वह यूरोफाइटर टाइफून के लिए एक नए सौदे को अंतिम रूप देने की योजना बना रहा है।
ब्रिटेन के साथ डील की प्रगति
आईडीईएफ हथियार मेले में तुर्की और ब्रिटेन के बीच इस डील को लेकर महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। दोनों देशों के बीच इस लड़ाकू विमान की डील पर लंबे समय से बातचीत चल रही थी, जो अब समझौते के स्तर पर पहुंच चुकी है। हालांकि, इस सौदे के पीछे कई राजनीतिक जटिलताएं, तकनीकी आवश्यकताएं और कीमतों पर बातचीत इसे और भी दिलचस्प बना रही हैं।
F-35 की मांग पर अमेरिका का इनकार
तुर्की ने लंबे समय से अमेरिका से F-35 स्टील्थ फाइटर खरीदने की कोशिश की थी। राष्ट्रपति एर्दोगन ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। इसके पीछे का मुख्य कारण तुर्की द्वारा रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद को बताया जा रहा है।
यूरोफाइटर टाइफून की खरीद की दिशा में कदम
मिडिल ईस्ट आई की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की अब ब्रिटेन से यूरोफाइटर टाइफून खरीदने की योजना बना रहा है। ब्रिटिश रक्षा सचिव जॉन हीली ने इस्तांबुल में आईडीईएफ मेले के दौरान इस सौदे पर हस्ताक्षर की संभावना व्यक्त की है। तुर्की ने 2023 से इस विमान की खरीद पर काम करना शुरू कर दिया था और 2024 में जर्मनी के वीटो को भी पार कर लिया था।
सौदे की कीमत और विमान की संख्या
तुर्की 40 यूरोफाइटर टाइफून खरीदने की योजना बना रहा है, लेकिन कीमत को लेकर अभी भी बातचीत जारी है। ब्रिटेन ने प्रारंभिक प्रस्ताव में 12 अरब डॉलर की मांग की थी, जिसे तुर्की ने महंगा बताया। इसके साथ ही, तुर्की विमान तकनीक के ट्रांसफर और अपने पायलटों के लिए विशेष प्रशिक्षण की भी मांग कर रहा है।
तुर्की का वेरिएंट चयन
इस डील में यूरोफाइटर टाइफून का ट्रैंच 4 वर्जन शामिल हो सकता है, जिसमें नवीनतम रडार और एवियोनिक्स सिस्टम होते हैं। तुर्की की मौजूदा वायुसेना धीरे-धीरे पुरानी हो रही है, और जब तक उसका खुद का KAAN फाइटर जेट 2028 तक तैयार नहीं होता, तब तक यह डील उसके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।