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तेज प्रताप यादव ने बहन रोहिणी आचार्य का समर्थन किया, राजनीति में हलचल

बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपनी बहन रोहिणी आचार्य का समर्थन किया है, जिसके बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। उन्होंने रोहिणी के परिवार के प्रति समर्पण की सराहना की और संजय यादव पर आरोप लगाया कि वह तेजस्वी यादव की कुर्सी हथियाना चाहते हैं। तेज प्रताप ने यह भी कहा कि जो कोई उनकी बहन का अपमान करेगा, उसे कड़ी सजा मिलेगी। इसके साथ ही, उन्होंने PM मोदी की दिवंगत मां पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी। जानें इस राजनीतिक विवाद की पूरी कहानी।
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तेज प्रताप यादव ने बहन रोहिणी आचार्य का समर्थन किया, राजनीति में हलचल

राजनीतिक विवाद और परिवार का समर्थन

पटना। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव की बिहार अधिकार यात्रा के दौरान विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस पर लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य की प्रतिक्रिया ने राजनीतिक माहौल को और गर्म कर दिया है। रोहिणी ने कहा है कि वह अपने परिवार के लिए हर प्रकार की कुर्बानी देने को तैयार हैं।

तेज प्रताप यादव, जो राजद के पूर्व नेता हैं, ने अपनी बहन रोहिणी आचार्य के विचारों की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि रोहिणी की बातें पूरी तरह से सही हैं और परिवार के लिए उनका सम्मान अत्यधिक महत्वपूर्ण है। तेज प्रताप ने रोहिणी द्वारा अपने पिता लालू यादव को किडनी दान करने के कार्य को सराहनीय बताया और कहा कि यह एक महिला के लिए गर्व की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि जो कोई भी उनकी बहन का अपमान करेगा, उसे कड़ी सजा मिलेगी।

तेज प्रताप यादव ने कहा कि रोहिणी आचार्य ने जो कार्य किया है, वह एक महिला के नाते अत्यंत सराहनीय है, और शायद ही कोई बेटी या मां ऐसा कर सके। यह हमारे लिए और सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि जो भी उनकी बहनों का अपमान करेगा, उस पर कृष्ण का सुदर्शन चक्र चलेगा।

इसके अलावा, तेज प्रताप ने PM मोदी की दिवंगत मां के बारे में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने मां पर उंगली उठाई है, उनके खिलाफ FIR दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए। उन्होंने बिहार और केंद्र सरकार से मांग की कि ऐसे लोगों को तुरंत जेल में डालें। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो जनशक्ति जनता दल महुआ में आंदोलन किया जाएगा।

तेज प्रताप यादव के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह अब कभी भी राजद में वापस नहीं लौटेंगे। उन्होंने यह संकल्प भगवान के सामने लिया है और इससे पीछे हटने का कोई इरादा नहीं है। माता-पिता का स्थान अलग है और पार्टी का स्थान अलग। माता-पिता हमेशा पूजनीय रहेंगे, लेकिन राजद से उनका कोई संबंध नहीं रहेगा।