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तेजस फाइटर जेट की नई उड़ान: भारतीय वायुसेना को मिले अमेरिकी इंजन

भारतीय वायुसेना के लिए स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की उड़ान का इंतजार अब खत्म हो गया है। HAL को अमेरिकी जनरल इलेक्ट्रिक से चौथा इंजन मिल गया है, जिससे विमानों के निर्माण में आ रही बाधा दूर हो गई है। नवंबर तक पहले दो तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट वायुसेना को सौंपे जाएंगे। यह विमान मिग-21 की जगह लेंगे और बीकानेर में तैनात किए जाएंगे। तेजस का यह उन्नत संस्करण मेक इन इंडिया अभियान के तहत भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूत करेगा।
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तेजस फाइटर जेट की नई उड़ान: भारतीय वायुसेना को मिले अमेरिकी इंजन

तेजस की दहाड़ का इंतजार खत्म

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के लिए स्वदेशी लड़ाकू विमान 'तेजस' की उड़ान का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। अब, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक (GE) से तेजस का चौथा इंजन प्राप्त हो गया है, जिससे विमानों के निर्माण में आ रही प्रमुख बाधा समाप्त हो गई है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के साथ, यह सुनिश्चित हो गया है कि नवंबर तक पहले दो उन्नत तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट भारतीय वायुसेना को सौंप दिए जाएंगे।


अमेरिकी इंजन की देरी से प्रभावित हुआ प्रोजेक्ट

फरवरी 2021 में, सरकार ने 83 तेजस मार्क-1ए विमानों के लिए HAL के साथ 48,000 करोड़ रुपये का अनुबंध किया था। हालांकि, अमेरिकी इंजन की डिलीवरी में देरी के कारण अब तक एक भी विमान वायुसेना को नहीं मिल पाया था। अब जब इंजन की आपूर्ति शुरू हो गई है, तो उम्मीद की जा रही है कि 2028 तक सभी 83 विमान वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएंगे।


बीकानेर में होगी तेजस की पहली तैनाती

तेजस मार्क-1ए विमान वायुसेना के पुराने 'मिग-21' की जगह लेंगे, जो 62 वर्षों की सेवा के बाद 26 सितंबर को रिटायर हुआ है। वायुसेना की योजना है कि तेजस का पहला स्क्वाड्रन पाकिस्तान सीमा के निकट राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर तैनात किया जाएगा, जिससे पश्चिमी सीमा पर भारत की हवाई ताकत में वृद्धि होगी।


तेजस का उन्नत संस्करण

LCA मार्क-1ए तेजस एक अत्याधुनिक संस्करण है, जिसमें नवीनतम एवियॉनिक्स और रडार सिस्टम शामिल हैं। इन विमानों में 65% से अधिक उपकरण भारत में निर्मित हैं। हाल ही में, रक्षा मंत्रालय ने HAL को अतिरिक्त 97 तेजस बनाने के लिए ₹62,370 करोड़ का एक और बड़ा अनुबंध दिया है। यह हल्का लड़ाकू विमान हवा, पानी और जमीन पर सटीकता से हमला करने में सक्षम है। नए विमानों में दुश्मनों को धोखा देने के लिए 'स्वयं रक्षा कवच' जैसी आधुनिक तकनीक भी शामिल होगी।


मेक इन इंडिया का एक नया अध्याय

यह उपलब्धि 'मेक इन इंडिया' अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल वायुसेना की ताकत बढ़ेगी, बल्कि भारत रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों को छूएगा।