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तेजस्वी यादव की मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं और कानूनी चुनौतियाँ

तेजस्वी यादव, जो बिहार के मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे लोकप्रिय उम्मीदवार माने जा रहे हैं, को कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उनके खिलाफ जमीन के बदले नौकरी के मामले में गंभीर आरोप हैं, जो उनके राजनीतिक भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं। जानें कि कैसे ये मुद्दे उनके नेतृत्व और परिवार की राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं। क्या तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बन पाएंगे, या उन्हें अपने पिता की तरह कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा? इस लेख में जानें उनके संभावित राजनीतिक भविष्य के बारे में।
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तेजस्वी यादव की मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं और कानूनी चुनौतियाँ

तेजस्वी यादव की स्थिति

तेजस्वी यादव अभी तक बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बने हैं, लेकिन चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे लोकप्रिय उम्मीदवार माना जा रहा है। सी वोटर द्वारा किए गए चार सर्वेक्षणों में, वे अपने प्रतिद्वंद्वियों से काफी आगे हैं। हालाँकि, यह लोकप्रियता उनकी पार्टी या गठबंधन की नहीं है, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि क्या उनकी लोकप्रियता के आधार पर उनकी पार्टी या गठबंधन सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत प्राप्त कर सकेगा।


इस बीच, केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित कानून, जो मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार करने या 30 दिन की हिरासत में रखने की अनुमति देता है, तेजस्वी यादव और उनकी टीम के लिए चिंता का विषय है। इसका कारण यह है कि बिहार में बहुत कम नेता हैं जिन पर गंभीर आपराधिक मामले हैं और जिन्होंने पार्टी में वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बनाई है।


कानूनी मामले और परिवार की स्थिति

तेजस्वी यादव के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी के मामले में गंभीर आरोप हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है और आरोप तय हो चुके हैं। लालू प्रसाद यादव का पूरा परिवार इस मामले में आरोपी है। लालू प्रसाद द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई तकनीकी याचिका खारिज हो चुकी है और मामला सुनवाई की स्थिति में है।


यह ध्यान देने योग्य है कि यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे और तेजस्वी यादव उस समय राजनीति में नहीं थे। हालाँकि, इस कथित अपराध से वे लाभान्वित हुए हैं और बालिग होने के बाद भी उन्होंने इससे इनकार नहीं किया है। यदि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनते हैं और उन्हें इस मामले में सजा मिलती है, तो वे अपने पिता की तरह अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री नहीं बना पाएंगे। इस स्थिति में परिवार में कई दावेदार उभर सकते हैं, जिनमें तेज प्रताप, मीसा भारती और रोहिणी आचार्य शामिल हैं।