तेजस्वी यादव के वोटर आईडी विवाद में चुनाव आयोग की भूमिका पर उठे सवाल

तेजस्वी यादव का जवाब चुनाव आयोग को
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दो वोटर आईडी के मामले में चुनाव आयोग को अपना लिखित उत्तर प्रस्तुत कर दिया है। इस संबंध में जानकारी राजद नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने साझा की। उन्होंने बताया कि अब निर्णय आयोग के हाथ में है। मनोज झा के अनुसार, दो वोटर आईडी के कई उदाहरण सामने आए हैं, जिससे आयोग को यह देखना होगा कि एक व्यक्ति के नाम पर दो ईपिक नंबर कैसे जारी किए गए।
मनोज झा का चुनाव आयोग पर आरोप
राजद सांसद मनोज झा ने आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग में 'अहंकार' और 'अज्ञानता' का माहौल व्याप्त है, जो उसकी पहचान बन चुका है। उनका कहना है कि आयोग को किसी भी निर्णय से पहले अपने पूर्ववर्तियों के कार्यों से सीख लेना चाहिए, अन्यथा स्थिति बांग्लादेश के चुनाव आयोग जैसी हो सकती है।
विवाद की शुरुआत
यह विवाद तब शुरू हुआ जब तेजस्वी यादव ने 2 अगस्त को एक प्रेस वार्ता में एक मतदाता पहचान पत्र दिखाया, जिसके ईपिक नंबर (RAB-2916120) को लेकर दावा किया गया कि यह उनका दूसरा वोटर आईडी है। इस पर भारत निर्वाचन आयोग ने उस ईपिक नंबर को फर्जी घोषित किया और 16 अगस्त शाम 5 बजे तक इसे आयोग के कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया।
निर्वाचन पदाधिकारी की रिपोर्ट
दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी द्वारा जारी पत्र में कहा गया कि तेजस्वी द्वारा दिखाए गए ईपिक नंबर की गहन जांच की गई। जांच में यह पाया गया कि निर्वाचन आयोग ने इस नंबर से कोई मतदाता पहचान पत्र जारी नहीं किया है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि तेजस्वी का सही मतदान केंद्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन है, जिसका क्रमांक 416 है।
सही EPIC नंबर
अधिकारियों के अनुसार, तेजस्वी यादव का वास्तविक ईपिक नंबर RAB-0456228 है। उन्होंने वर्ष 2015 और 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन पत्र में भी यही नंबर दर्ज किया था। आयोग का कहना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया गया ईपिक कार्ड पूरी तरह से फर्जी है और इसकी उत्पत्ति संदिग्ध है।