तेलंगाना में कलेश्वरम परियोजना पर विवाद: KCR और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप

कलेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोप
तेलंगाना में कलेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना (KLIP) में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप अब एक गंभीर राजनीतिक विवाद का रूप ले चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और बीआरएस के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव (KCR) इन आरोपों से खुद को अलग करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि सत्ताधारी कांग्रेस सरकार उन्हें पूरी तरह से जिम्मेदार ठहरा रही है।KLIP, जो KCR के नेतृत्व में बीआरएस सरकार की एक प्रमुख परियोजना थी, हाल ही में मेडिगड्डा बैराज के कुछ पिलरों के धंसने के बाद से जांच के दायरे में आ गई है। कांग्रेस ने परियोजना में 'बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और खराब इंजीनियरिंग' का आरोप लगाया है।
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, KCR ने स्पष्ट किया कि वह परियोजना के लिए जिम्मेदार इंजीनियर नहीं थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जानबूझकर उन्हें इस मुद्दे में घसीट रही है, जबकि असली जिम्मेदारी इंजीनियरिंग और संबंधित विभागों के अधिकारियों की होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "मैं केवल मुख्यमंत्री था, इंजीनियर नहीं। परियोजना के तकनीकी पहलू पूरी तरह से अधिकारियों के अधीन थे।"
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और कांग्रेस सरकार KCR के स्पष्टीकरण को खारिज कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि KLIP KCR का 'ड्रीम प्रोजेक्ट' था और उन्होंने इसके डिजाइन, निष्पादन और वित्तीय आवंटन की देखरेख की थी। रेवंत रेड्डी ने कई बार कहा है कि इस परियोजना में भ्रष्टाचार KCR के सीधे संरक्षण में हुआ है और इसकी पूरी जिम्मेदारी उन्हीं की है।
यह विवाद तेलंगाना की राजनीति को और गर्म कर रहा है, क्योंकि कांग्रेस KLIP की कथित अनियमितताओं को उजागर कर बीआरएस और KCR को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। वहीं, बीआरएस खुद को बचाने और आरोपों को तकनीकी विशेषज्ञों पर डालने की कोशिश कर रही है। आने वाले समय में इस मुद्दे पर और भी राजनीतिक घमासान देखने को मिल सकता है।