तेलंगाना में छात्रावास में फूड प्वॉइजनिंग का मामला, 52 छात्र प्रभावित
तेलंगाना में फूड प्वॉइजनिंग की घटना
नई दिल्ली: तेलंगाना के जोगुलांबा गड़वाल जिले के एक सरकारी बालक कल्याण छात्रावास में फूड प्वॉइजनिंग का गंभीर मामला सामने आया है। शुक्रवार रात भोजन के बाद 52 छात्रों की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश छात्र अब स्थिर हैं और धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं।
घटनास्थल और प्रशासन की प्रतिक्रिया
यह घटना इटिक्याला मंडल के धर्मावरम स्थित छात्रावास में हुई। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत एक टीम भेजकर स्थिति का आकलन किया। एक अधिकारी ने बताया कि सभी प्रभावित छात्रों को प्राथमिक उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में लाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
छात्रों की स्वास्थ्य स्थिति
32 छात्रों को किया गया डिस्चार्ज
डॉक्टरों के अनुसार, स्थिति अब नियंत्रण में है और किसी छात्र की जान को खतरा नहीं है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि 52 में से 32 छात्रों को डिस्चार्ज कर दिया गया है, जबकि अन्य छात्रों को एहतियात के तौर पर अस्पताल में निगरानी में रखा गया है। अस्पताल परिसर में एक अस्थायी मेडिकल कैम्प भी स्थापित किया गया है ताकि छात्रों को त्वरित उपचार मिल सके।
भोजन के बाद स्वास्थ्य समस्याएं
पेट दर्द और उल्टी की शिकायत
प्रभावित छात्रों ने बताया कि उन्हें शुक्रवार रात सांभर, चावल और पत्तागोभी की सब्जी परोसी गई थी। भोजन के कुछ घंटे बाद कई छात्रों को पेट दर्द, उल्टी और मितली की समस्या होने लगी। प्रारंभिक जांच में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भोजन में संक्रमण या दूषित पानी इसका कारण हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने भोजन के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिए हैं।
मानवाधिकार आयोग की कार्रवाई
राज्य मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
इस घटना पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है। आयोग के अध्यक्ष शमीम अख्तर ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। आयोग ने तेलंगाना के मुख्य सचिव को जांच करने और 24 नवंबर तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
छात्रावास की व्यवस्था की जांच
जिला प्रशासन ने छात्रावास के भोजन आपूर्ति और रसोई व्यवस्था की भी जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है और अभिभावकों में चिंता की लहर है। कई स्थानीय संगठनों ने मांग की है कि छात्रावासों में स्वच्छता और खाद्य गुणवत्ता मानकों की सख्ती से निगरानी की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
