तेलंगाना में पुजारियों के लिए कल्याण कोष की स्थापना
पुजारियों के लिए आर्थिक सुरक्षा का नया उपाय
तेलंगाना में मंदिरों में सेवा करने वाले पुजारियों और अन्य कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत का कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने इन समर्पित व्यक्तियों के लिए एक विशेष 'कल्याण कोष' की स्थापना की है, जो उनके जीवनयापन में सहारा प्रदान करेगा। यह निर्णय उनकी लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करता है।मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में, तेलंगाना सरकार ने इस कल्याण कोष के लिए 2.5 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटन किया है। इसका उद्देश्य सरकारी नियंत्रण वाले मंदिरों में कार्यरत अर्चकों, सहायक पुजारियों, रसोइयों, सफाई कर्मचारियों, बागवानों, बिजली मिस्त्रियों और सुरक्षाकर्मियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
इस कोष के माध्यम से कर्मचारियों को कई महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे, जैसे चिकित्सा व्यय के लिए सहायता, अंतिम संस्कार के लिए वित्तीय मदद, गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक सहयोग, और उनके बच्चों की शिक्षा के लिए समर्थन। यह पहल सुनिश्चित करती है कि मंदिर सेवा से जुड़े ये लोग, जो अक्सर वित्तीय असुरक्षा का सामना करते हैं, अब सम्मान और गरिमा के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकें।
यह कदम पिछली सरकारों द्वारा किए गए वादों के विपरीत, एक ठोस क्रियान्वयन को दर्शाता है, जिससे इन कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। वे इस कल्याण कोष को एक वरदान मान रहे हैं, जो उनके और उनके परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करेगा। तेलंगाना सरकार का यह निर्णय धार्मिक संस्थानों और उनमें सेवा देने वाले व्यक्तियों के कल्याण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।