तेलंगाना में महिला ने चीटियों के डर से की आत्महत्या
संगारेड्डी में दुखद घटना
संगारेड्डी: तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में एक 35 वर्षीय महिला ने मायर्मेकोफोबिया, यानी चीटियों के डर के कारण आत्महत्या कर ली। यह घटना 4 नवंबर 2025 को हुई। महिला ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, "श्री, मुझे माफ करना, मैं इन चीटियों के साथ नहीं रह सकती। मेरी बेटी का ध्यान रखना।" पुलिस के अनुसार, मृतका विवाहित थी और उसकी तीन साल की एक बेटी है।
पुलिस ने बताया कि महिला ने अपनी बेटी को सुबह एक रिश्तेदार के घर छोड़ दिया था और शाम को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़कर जब अंदर गए, तो महिला का शव पंखे से लटका हुआ मिला। सुसाइड नोट में धार्मिक भेंटों से संबंधित निर्देश भी शामिल थे, जैसे तिरुपति और अन्नवरम मंदिर में चढ़ाई जाने वाली चीजें।
जानकारी के अनुसार, महिला बचपन से ही चीटियों के डर से ग्रसित थी और उसने पहले मनचेरियल जिले के अस्पताल में काउंसलिंग भी करवाई थी। तेलंगाना सरकार के इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ की अधीक्षक डॉ. अनीता रायराला ने बताया कि मायर्मेकोफोबिया एक दुर्लभ मानसिक स्थिति है। उन्होंने कहा कि फोबिया आमतौर पर बचपन में शुरू होते हैं और यदि समय पर पहचान की जाए, तो इसका इलाज संभव है। एक्सपोजर थेरेपी, कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी (CBT) और एंटी-एंग्जायटी दवाओं से ऐसे फोबिया का उपचार किया जा सकता है।
डॉ. रायराला ने लोगों से अपील की है कि यदि किसी को इस तरह की मानसिक परेशानी या फोबिया है, तो तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करें। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के फोबिया के कारण आत्महत्या के मामले बहुत कम होते हैं, संभव है कि महिला डिप्रेशन से भी गुजर रही थी।
