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तेलंगाना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल की सलाह लेने की बाध्यता पर दी जानकारी

तेलंगाना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें कहा गया है कि राज्यपाल को अभियोजन स्वीकृति के मामलों में मंत्रिपरिषद की सलाह लेनी चाहिए। हालांकि, यदि कोई मंत्री या मुख्यमंत्री आपराधिक मामले में शामिल हो, तो यह बाध्यता लागू नहीं होती। इस मामले की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता में हो रही है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के बारे में।
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तेलंगाना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल की सलाह लेने की बाध्यता पर दी जानकारी

सुप्रीम कोर्ट में तेलंगाना सरकार का बयान

नई दिल्ली। तेलंगाना सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में यह स्पष्ट किया कि राज्यपाल को अभियोजन स्वीकृति के मामलों में मंत्रिपरिषद की सलाह लेने के लिए बाध्य होना चाहिए। हालांकि, यदि कोई मंत्री या मुख्यमंत्री किसी आपराधिक मामले में शामिल हो, तो इस स्थिति में राज्यपाल पर यह बाध्यता लागू नहीं होती।

भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय संविधान पीठ इस समय राष्ट्रपति और राज्यपालों द्वारा विधेयकों को मंजूरी देने की समयसीमा पर सुनवाई कर रही है। इस पीठ में जस्टिस गवई के साथ जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस एएस चंदुरकर भी शामिल हैं।