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तेहट्टा में त्रासदी: मासूम की हत्या और दंपति की lynching

तेहट्टा में एक नौ साल के बच्चे की हत्या और उसके बाद एक दंपति की lynching ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। स्वर्णभा मंडल का शव तालाब से बरामद होने के बाद गुस्साई भीड़ ने शक के आधार पर दंपति पर हमला किया। इस घटना ने पुलिस की लापरवाही और भीड़तंत्र पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जानें इस त्रासदी की पूरी कहानी और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं।
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तेहट्टा में त्रासदी: मासूम की हत्या और दंपति की lynching

तेहट्टा में भय और आक्रोश का माहौल

नदिया जिले का तेहट्टा क्षेत्र इस समय गुस्से और भय के साए में है। महज नौ साल का बच्चा, स्वर्णभा मंडल, खेलने के लिए घर से निकला और फिर लौटकर नहीं आया। अगले दिन उसका शव तालाब से बरामद हुआ। इस घटना के बाद गुस्साई भीड़ ने शक के आधार पर पड़ोस में रहने वाले दंपति पर हमला कर उनकी जान ले ली। तीन दिनों में तीन मौतों ने इस शांत कस्बे को हिलाकर रख दिया है।


बच्चे की गुमशुदगी और शव की बरामदगी

स्वर्णभा मंडल शुक्रवार दोपहर लगभग 3 बजे अपने दोस्तों के साथ खेलने गया था। जब दो घंटे बीतने के बाद भी वह घर नहीं लौटा, तो परिवार ने उसकी तलाश शुरू की। ग्रामीणों की मदद से इलाके की खोजबीन की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। रात तक जब बच्चा नहीं मिला, तो परिवार ने तेहट्टा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और पुलिस से त्वरित कार्रवाई की मांग की।


शव की खोज और भीड़ का गुस्सा


शनिवार सुबह एक तालाब में एक संदिग्ध पैकेट मिला, जिसमें स्वर्णभा का शव था। जैसे ही यह खबर फैली, लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने उत्पल और सोमा बिस्वास नामक दंपति को शक के दायरे में लिया, जिनका परिवार से पुराना विवाद था। देखते ही देखते, भीड़ ने उनके घर पर धावा बोल दिया, गोदाम में आग लगा दी और दोनों को बाहर खींचकर पीटना शुरू कर दिया।


भीड़ के हाथों दंपति की हत्या और पुलिस की भूमिका

गुस्साई भीड़ की पिटाई से दंपति गंभीर रूप से घायल हो गए। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक दोनों बेहोश हो चुके थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और इलाके में सुरक्षा के लिए पुलिस पिकेट तैनात कर दिया गया है। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। स्थानीय लोग पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं कि यदि गुमशुदगी की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाती, तो बच्चा और दंपति दोनों की जान बचाई जा सकती थी।


शोक और आक्रोश का माहौल

इस दुखद घटना ने इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल बना दिया है। लोग कह रहे हैं कि दो दिनों में तीन जानें चली गईं, पहले मासूम बच्चा और फिर शक के आधार पर एक दंपति। ग्रामीण इसे पुलिस की नाकामी मानते हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। यह घटना एक बार फिर भीड़तंत्र और पुलिस की लापरवाही पर सवाल उठाती है।