थरूर ने ट्रंप के मध्यस्थता दावे पर कड़ा जवाब दिया

थरूर का स्पष्ट बयान
न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के दावों पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने तीखा जवाब दिया है। थरूर ने कहा कि असमान पक्षों के बीच मध्यस्थता संभव नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि आतंकवाद फैलाने वाले देश और आतंकवाद से प्रभावित देश की तुलना नहीं की जा सकती।
ऑपरेशन सिंदूर का नेतृत्व
थरूर इस समय अमेरिका में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारतीय सांसदों के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। न्यूयॉर्क में 'काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस' में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही।
मध्यस्थता पर थरूर की राय
‘Mediation between two unequal parties is not possible’, थरूर ने ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मध्यस्थता एक ऐसा शब्द है जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते। जब आप 'ब्रोकर' जैसे शब्दों का उपयोग करते हैं, तो यह मान लिया जाता है कि दोनों पक्ष समान हैं, जबकि ऐसा नहीं है। एक तरफ एक ऐसा देश है जो आतंकवाद को समर्थन देता है और दूसरी ओर एक मजबूत लोकतंत्र है जो शांति और प्रगति की दिशा में बढ़ रहा है।"
पड़ोसी देशों के बीच असमानता
उन्होंने आगे कहा, "एक ऐसा पड़ोसी जो पिछले 75 वर्षों की भौगोलिक स्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है और एक ऐसा देश जो शांति से जीना चाहता है, इनके बीच कोई समानता नहीं हो सकती। इसलिए इन असमान पक्षों के बीच मध्यस्थता की बात बेमानी है।"
ट्रंप का दावा
10 मई को, ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा था कि भारत और पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमत हुए हैं और इसमें अमेरिका की भूमिका रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि दोनों देश लड़ाई बंद करते हैं, तो अमेरिका उनके साथ व्यापार करेगा।
थरूर की प्रतिक्रिया
थरूर ने कहा, "हम केवल अनुमान लगा सकते हैं कि अमेरिका ने दोनों पक्षों से संवाद किया होगा। हमारी सरकार को अमेरिकी सरकार से उच्चस्तरीय कॉल्स मिलीं हैं और हम उनकी चिंताओं को समझते हैं। संभव है कि पाकिस्तान से हुई बातचीत का बड़ा असर पड़ा हो।"
भारत की कूटनीतिक स्थिति
थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि यह उनका व्यक्तिगत अनुमान है, लेकिन उनका मानना है कि "प्रक्रिया को रोकने की ज़िम्मेदारी उसी पक्ष की थी जो समस्या की जड़ में है।" इस बयान के माध्यम से, थरूर ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति को स्पष्ट किया और ट्रंप के दावों पर सवाल उठाए हैं।