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थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्धविराम वार्ता: ट्रंप का हस्तक्षेप

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच तीन दिनों से चल रहे संघर्ष ने 30 से अधिक लोगों की जान ले ली है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के नेताओं से बातचीत की है और युद्धविराम वार्ता की पहल की है। इस लेख में जानें कि कैसे यह संघर्ष पिछले एक दशक का सबसे गंभीर माना जा रहा है और इसके पीछे के कारण क्या हैं।
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थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्धविराम वार्ता: ट्रंप का हस्तक्षेप

थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष में युद्धविराम की पहल

Thailand Cambodia ceasefire: थाईलैंड और कंबोडिया ने तीन दिनों से चल रहे हिंसक संघर्ष के बीच तुरंत युद्धविराम वार्ता करने पर सहमति जताई है। इस झड़प में 30 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और लगभग 1.3 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को बताया कि उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से बात की है और वे शांति स्थापित करने के लिए बातचीत के लिए तैयार हैं।


ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर साझा किया कि उन्होंने कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट और थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथाम वेचयाचाई से अलग-अलग चर्चा की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि संघर्ष जारी रहा, तो यह संभावित अमेरिकी व्यापार समझौतों को प्रभावित कर सकता है।



ट्रंप का बयान: शांति की दिशा में कदम

सीजफायर के लिए थाईलैंड-कंबोडिया तैयार: ट्रंप


ट्रंप ने अपनी पोस्ट में कहा, "दोनों पक्ष युद्धविराम और शांति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए इच्छुक हैं। उन्होंने तुरंत मिलने और जल्दी से युद्धविराम के लिए काम करने पर सहमति जताई है।" हालांकि, व्हाइट हाउस या किसी अन्य देश के दूतावास ने इन वार्ताओं की पुष्टि नहीं की है।


संघर्ष की गंभीरता

अब तक का सबसे गंभीर संघर्ष


यह संघर्ष थाईलैंड और कंबोडिया के बीच पिछले एक दशक का सबसे गंभीर माना जा रहा है। शनिवार को झड़पें थाईलैंड के त्राट प्रांत और कंबोडिया के पुरसत प्रांत तक फैल गईं, जो प्रारंभिक विवाद क्षेत्र से 100 किलोमीटर दूर है, जिससे स्थिति और बिगड़ गई है।


इस हिंसा की शुरुआत मई के अंत में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत से हुई थी, जिसके बाद दोनों देशों ने अपनी सेनाएं सीमा पर तैनात कर दी थीं। विवाद का मुख्य कारण 817 किलोमीटर लंबी सीमा पर स्थित प्राचीन मंदिर हैं, विशेषकर यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल प्रीह विहार मंदिर। 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इस मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा माना था, लेकिन थाईलैंड ने इस फैसले को आज तक स्वीकार नहीं किया है।


शनिवार तक, थाईलैंड ने 20 मौतों की पुष्टि की, जिनमें 7 सैनिक और 13 आम नागरिक शामिल हैं। वहीं, कंबोडिया ने 13 लोगों की मौत की सूचना दी है, जिनमें 5 सैनिक और 8 नागरिक शामिल हैं। कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय ने थाईलैंड पर अवैध आक्रमण का आरोप लगाया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसकी निंदा करने की अपील की। दूसरी ओर, थाईलैंड ने कंबोडिया पर बारूदी सुरंगों के इस्तेमाल और सीमा पार हमलों का आरोप लगाया है। थाई सरकार का कहना है कि वह द्विपक्षीय बातचीत से समाधान चाहती है।