थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीजफायर समझौता, 101 लोगों की हुई मौत
सीजफायर समझौते का ऐलान
चांथाबुरी - थाईलैंड के रक्षा मंत्री नत्थापोन नाकपानिच और कंबोडिया के उप प्रधानमंत्री तथा रक्षा मंत्री टी सिया ने शनिवार को चांथाबुरी प्रांत में एक सीमा चेकपॉइंट पर सीजफायर समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस संघर्ष में अब तक 101 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और दोनों देशों के पांच लाख से अधिक नागरिक विस्थापित हो चुके हैं।
बैठक और सहमति
कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, शुक्रवार रात को तीसरी विशेष कंबोडिया-थाईलैंड जनरल बॉर्डर कमेटी की बैठक में थाईलैंड के साथ सहमति बनी, जिसमें आसियान ऑब्जर्वर भी शामिल थे।
सीजफायर वार्ता का समय
सीजफायर वार्ता शनिवार को स्थानीय समयानुसार सुबह लगभग 9:40 बजे शुरू हुई। जुलाई में सीजफायर टूटने के बाद, 8-9 दिसंबर को हिंसा में वृद्धि हुई, जिसमें थाईलैंड ने फाइटर जेट और तोपखाने से हमले किए, जबकि कंबोडिया ने रॉकेट दागकर जवाब दिया।
सीमा विवाद का इतिहास
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद का मुख्य कारण डांगरेक पर्वत श्रृंखला है, जो उत्तर-पूर्वी थाईलैंड और उत्तरी कंबोडिया के बीच फैली हुई है। यह क्षेत्र कई प्राचीन खमेर मंदिरों का घर है, जिनमें से कई सीमा के निकट स्थित हैं।
प्रेह विहार मंदिर का विवाद
प्रेह विहार मंदिर पर संप्रभुता का विवाद 1962 में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के बाद भी बना हुआ है, जिसमें मंदिर की संप्रभुता कंबोडिया को दी गई थी। हालांकि, आसपास की भूमि के स्वामित्व को स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया था, जिससे दोनों पक्षों के लिए अलग-अलग व्याख्याओं की गुंजाइश रह गई।
राजनयिक प्रयास और जमीनी स्थिति
हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं से बातचीत की है और दोनों ने लड़ाई रोकने पर सहमति जताई है। हालांकि, झड़पों की खबरें जारी रहीं, जो राजनयिक घोषणाओं और वास्तविकता के बीच असंगति को दर्शाती हैं।
