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थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद में बढ़ता तनाव

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद ने एक गंभीर मोड़ ले लिया है, जहां दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई हैं। रविवार को हुई भारी गोलाबारी ने स्थानीय निवासियों में दहशत फैला दी है। सम्रोंग शहर में धमाकों की आवाज सुनाई दे रही है, जिससे स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह विवाद दशकों पुराना है और अब फिर से उफान पर है। जानें इस संघर्ष के पीछे के कारण और वर्तमान स्थिति के बारे में।
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थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद में बढ़ता तनाव

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद

थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहा सीमा विवाद अब गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। रविवार की सुबह, दोनों देशों की सेनाएं फिर से आमने-सामने आ गईं और भारी गोलाबारी शुरू हो गई। यह सब तब हो रहा है जब संघर्षविराम की अपीलें की जा रही हैं और कूटनीतिक समाधान खोजे जा रहे हैं।


कंबोडिया का सम्रोंग शहर, जो सीमा से लगभग 20 किलोमीटर दूर है, धमाकों की आवाज से दहल उठा है। लगातार तोपों की गूंज ने स्थानीय निवासियों में भय पैदा कर दिया है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि दोनों देशों के नागरिकों को सीमा के निकटवर्ती क्षेत्रों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।


चौथे दिन भी जारी झड़पें

चौथे दिन भी जारी झड़पें


सीमा पर झड़पें रविवार को चौथे दिन भी जारी रहीं। थाई और कंबोडियाई सेनाओं के बीच तड़के गोलाबारी शुरू हुई, जो कई घंटों तक चलती रही। संघर्षविराम की कई अपीलें अब तक बेअसर साबित हो चुकी हैं।


कंबोडिया के शहर तक पहुंची धमाकों की आवाज

कंबोडिया के शहर तक पहुंची धमाकों की आवाज


सम्रोंग शहर में, जो सीमा से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर है, गोलियों और धमाकों की आवाज सुनाई दे रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सीमा पर स्थिति कितनी बिगड़ चुकी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने इस तरह की स्थिति पहले कभी नहीं देखी।


पुराना विवाद फिर उफान पर

पुराना विवाद फिर उफान पर


थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 817 किलोमीटर लंबी सीमा को लेकर यह विवाद दशकों से चला आ रहा है। सबसे बड़ा तनाव 'प्रीह विहेयर' मंदिर को लेकर है, जिसे 1962 में ICJ ने कंबोडिया को सौंपा था। लेकिन थाईलैंड इसे पूरी तरह से मानने को तैयार नहीं है, जिससे हर कुछ वर्षों में तनाव बढ़ता है।