दक्षिण कोरिया का पांचवां सैन्य जासूसी उपग्रह लॉन्च, उत्तर कोरिया पर निगरानी बढ़ाने की योजना
 
                           
                        दक्षिण कोरिया का नया जासूसी उपग्रह
सियोल: दक्षिण कोरिया इस सप्ताह के अंत में अमेरिका के अंतरिक्ष केंद्र से अपना पांचवां स्वदेशी सैन्य जासूसी उपग्रह लॉन्च करने जा रहा है। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की। इस कदम का उद्देश्य उत्तर कोरिया पर अपनी निगरानी क्षमताओं को और अधिक मजबूत करना है। मंत्रालय के अनुसार, यह उपग्रह रविवार (अमेरिका के समयानुसार) रात लगभग 1 बजे फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से प्रक्षिप्त किया जाएगा।
यह उपग्रह दक्षिण कोरिया की योजना का हिस्सा है, जिसके तहत वह उत्तर कोरिया पर बेहतर निगरानी रखने और अमेरिकी उपग्रह चित्रों पर निर्भरता को कम करने का प्रयास कर रहा है। इस वर्ष के अंत तक यह दक्षिण कोरिया का अंतिम सैन्य उपग्रह होगा। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "इन सभी पांच टोही उपग्रहों के समूह के संचालन से उत्तर कोरिया की किसी भी उकसाने वाली गतिविधि के संकेतों का पता पहले से अधिक तेजी और सटीकता से लगाया जा सकेगा।"
मंत्रालय ने यह भी बताया कि ये उपग्रह सेना की त्रि-आयामी रक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक होंगे। रिपोर्ट के अनुसार, जब सभी पांच उपग्रह कक्षा में स्थापित हो जाएंगे, तो दक्षिण कोरिया हर दो घंटे में उत्तर कोरिया पर नजर रखने में सक्षम होगा।
दक्षिण कोरिया ने दिसंबर 2023 में अपना पहला जासूसी उपग्रह लॉन्च किया था, जो इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और इंफ्रारेड सेंसर से लैस है, जिससे यह स्पष्ट और विस्तृत तस्वीरें लेने में सक्षम है। इसके बाद देश ने तीन और उपग्रह छोड़े, जिनमें सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) सेंसर लगे हैं, जो किसी भी मौसम की स्थिति में डेटा एकत्र करने में सक्षम हैं।
वहीं, उत्तर कोरिया भी अपने दुश्मन देशों के खिलाफ अंतरिक्ष से निगरानी करने की क्षमता बढ़ाने के प्रयासों में जुटा हुआ है। उत्तर कोरिया ने नवंबर 2023 में अपना पहला सैन्य जासूसी उपग्रह 'मल्लिगयोंग-1' सफलतापूर्वक लॉन्च किया था और उसने 2024 में तीन और जासूसी उपग्रह भेजने का वादा किया है। पिछले साल मई में उत्तर कोरिया का एक रॉकेट, जो उपग्रह लेकर जा रहा था, उड़ान भरने के तुरंत बाद फट गया था, जिसके बाद से उसने कोई नया उपग्रह नहीं छोड़ा है।
