दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज में सामूहिक बलात्कार का मामला: आरोपी की पहचान और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज में बलात्कार की घटना
दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज बलात्कार मामला: 25 जून को, एक 24 वर्षीय लॉ की छात्रा के साथ कॉलेज परिसर में क्रूरता से सामूहिक बलात्कार किया गया। इस घटना में मोनोजीत मिश्रा, जो पूर्व टीएमसीपी नेता हैं, ने दो अन्य छात्रों और कॉलेज के सुरक्षा गार्ड के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया। मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर काटने के निशान, गर्दन और छाती पर खरोंच और बलात्कारी के निशान की पुष्टि हुई है।
यह मामला आरजी कर में एक पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के नृशंस बलात्कार और हत्या के एक साल से भी कम समय बाद सामने आया है, जिसने कोलकाता में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
क्या मनोजीत एक साइको है?
मुख्य आरोपी, मनोजीत मिश्रा (31), जो तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) के दक्षिण कोलकाता जिले के आयोजन सचिव हैं, के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मिश्रा उर्फ 'मैंगो' ने लंबे समय से साइकोपैथिक और यौन हिंसा के लिए झुकाव प्रदर्शित किया है।
उनके जूनियर्स और पूर्व सहपाठियों का कहना है कि मिश्रा को 2021 में कॉलेज की तृणमूल इकाई से निष्कासित कर दिया गया था, क्योंकि वह बलात्कार पीड़िता सहित कई लड़कियों को 'तुई अमय बिये कोरबी (क्या तुम मुझसे शादी करोगी?)' जैसे एक-लाइनर से परेशान करता था।
हालांकि, अगर आप @monojit.mishra.7 की प्रोफाइल पर जाएं, तो वहां एक अलग मनोजीत नजर आता है, जो पूजा-पाठ करता है और लोगों की मदद करता है। उसने आरजी कर रेप केस को लेकर भी पोस्ट किया था। किसी ने नहीं सोचा होगा कि यह व्यक्ति इतना घिनौना काम कर सकता है।
पुलिस की कार्रवाई पर उठते सवाल
इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली की कड़ी आलोचना की जा रही है। आरोप है कि एक ओर अपराध की गंभीरता को नजरअंदाज किया गया, वहीं दूसरी ओर आरोपी की पहचान जानबूझकर धुंधली की गई, जिससे न्याय मिलने की प्रक्रिया कमजोर हो सकती है।