दक्षिण चीन सागर में अमेरिका-चीन के बीच बढ़ता तनाव

दक्षिण चीन सागर में टकराव की स्थिति
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध ने कई देशों में हलचल मचा दी है, जबकि दूसरी ओर, दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और चीन के बीच एक नया संघर्ष शुरू हो गया है। हाल ही में, दोनों देशों के बीच आमने-सामने की स्थिति उत्पन्न हुई है। चीनी सेना ने दावा किया है कि उसने स्कार्बोरो शोल के पास गश्त कर रहे एक अमेरिकी विध्वंसक को खदेड़ दिया। चीन ने यह भी कहा कि अमेरिका की यह कार्रवाई उसकी संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, जो क्षेत्र में शांति और स्थिरता को खतरे में डालती है। अमेरिकी नौसेना ने अपनी तैनाती को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप बताया है, यह कहते हुए कि यह नैविगेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए की गई थी।
चीन और अमेरिका के बीच बढ़ती चिंताएँ
अमेरिका ने विवादित तटवर्ती क्षेत्र में दो युद्धपोत तैनात किए हैं। हाल ही में, चीनी नौसेना और तट रक्षक बल के दो जहाजों के बीच टकराव की घटना ने कई पश्चिमी और एशियाई देशों में चिंता पैदा कर दी है। यह माना जा रहा है कि यह एक बड़ा विवाद उत्पन्न कर सकता है। चीन और फिलीपीन दोनों ही दक्षिण चीन सागर में स्कारबोरो शोल और अन्य क्षेत्रों पर अपने-अपने दावे करते हैं। इसके अलावा, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस विवादित जलक्षेत्र पर अपने दावे प्रस्तुत करते रहे हैं।
चीन का दावा और अमेरिका की प्रतिक्रिया
चीन ने यह दावा किया है कि उसने अमेरिकी युद्धपोतों को खदेड़ दिया है। 12 अगस्त को, एक चीनी युद्धपोत ने फिलीपींस की एक गश्ती नाव का पीछा करते हुए अपने ही तटरक्षक पोत से टकरा गया। चीन अपनी नाइन-डैश-लाइन के तहत लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जो नीदरलैंड की एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत के 2016 के फैसले को खारिज करता है। पिछले साल, फिलीपींस ने बीजिंग की सेना पर अपने जहाजों का पीछा करने और विवादित चट्टान के पास गश्त कर रहे विमानों पर लेज़र दागने का आरोप लगाया था।
फिलीपीनो अधिकारियों की चेतावनी
फिलीपीनो अधिकारियों के अनुसार, झड़पों में नावों की टक्कर और पानी की बौछारें शामिल हैं, जिससे कई फ़िलिपीनी नाविक घायल हुए हैं। फ़िलिपीनी राष्ट्रपति फ़र्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने चेतावनी दी है कि यदि किसी फ़िलिपीनी नागरिक की मौत होती है, तो यह एक रेड लाइन होगी और युद्ध की कार्रवाई के करीब पहुँच जाएगी। उन्होंने अमेरिकी सेनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके संधि साझेदार भी इसी मानक को मानते हैं। वाशिंगटन और मनीला के बीच 1951 से एक पारस्परिक रक्षा संधि है, जिसके अनुसार प्रशांत क्षेत्र में फ़िलिपींस या अमेरिका पर हमला दूसरे पर हमला माना जाएगा।