दक्षिण भारत में मौसम पर नया लो प्रेशर सिस्टम का प्रभाव
नई दिल्ली में मौसम की चेतावनी
नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी में एक नया लो प्रेशर एरिया फिर से दक्षिण भारत के मौसम को प्रभावित कर सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने जानकारी दी है कि 22 नवंबर को मलक्का स्ट्रेट और दक्षिण अंडमान सागर के पास एक नया लो प्रेशर एरिया विकसित हुआ है। यह प्रणाली पश्चिमोत्तर दिशा में बढ़ते हुए 24 नवंबर तक अवसाद में बदलने की संभावना है।
मौसम विभाग ने बताया कि अगले 48 घंटों में यह प्रणाली और अधिक मजबूत हो सकती है और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ेगी। हालांकि, विशेषज्ञ अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि यह प्रणाली चक्रवात में परिवर्तित होगी या नहीं। आईएमडी के इस अलर्ट के बाद कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
IMD Weather Warning
— India Meteorological Department (@Indiametdept) November 22, 2025
A Low Pressure area has formed over Strait of Malacca & adjoining South Andaman Sea on 22nd November. It is likely to intensify into depression over southeast Bay of Bengal around 24th November 2025.
Stay tuned with us for more weather updates!#IISF2025… pic.twitter.com/i2rWvqwqmO
बारिश की संभावित जगहें
किन जगहों पर है बारिश की संभावना?
मौसम विभाग के अनुसार, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, केरल और माहे, लक्षद्वीप, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में रविवार को कई स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। अंडमान और निकोबार द्वीपों के कुछ हिस्सों में गर्जना, बिजली और 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली तेज हवाएं चलने की भी आशंका है.
प्रभावित जिलों की जानकारी
किन जिलों में दिखेगा इसका प्रभाव?
चेन्नई के रीजनल मौसम केंद्र ने तमिलनाडु के कई जिलों के लिए येलो नाउकास्ट चेतावनी जारी की है। विभाग ने कहा है कि 23 नवंबर की सुबह कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ गर्जना और बिजली गिरने की संभावना है। जिन जिलों में सबसे अधिक प्रभाव रह सकता है, उनमें कन्याकुमारी, मयिलादुथुरै, नागपट्टिनम, तेनकासी और तिरुवरुर शामिल हैं। कराईकल क्षेत्र में भी बारिश की संभावना है.
मौसम विभाग की सलाह
मौसम विभाग ने क्या बताया?
इस लो प्रेशर सिस्टम के कारण रविवार सुबह पुडुचेरी में हल्की बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग का कहना है कि यह बारिश अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बनने वाले ऐसे सिस्टम नवंबर के महीने में दक्षिण भारत के लिए सामान्य हैं, लेकिन यह जानना जरूरी है कि यह अवसाद आगे कितनी तेजी से बढ़ता है.
फिलहाल लोगों को सावधानी बरतने और मौसम विभाग के दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है.
