दरभंगा में कांग्रेस नेता ने चुनाव आयोग पर उठाए गंभीर सवाल

बिहार विधानसभा चुनाव में धांधली के आरोप
बिहार विधानसभा चुनाव: दरभंगा में कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. जमाल हसन ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि SIR के नाम पर व्यापक धांधली की गई है, जिससे लोकतंत्र की पवित्रता को खतरा उत्पन्न हुआ है। शहरी विधानसभा के कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की पहचान संदिग्ध हो गई है, जिसमें एक ही भवन में 112 मतदाताओं का नाम दर्ज किया गया है।
बूथों की जानकारी और फर्जीवाड़े का खुलासा
2 बूथों की सार्वजनिक जानकारी
डॉ. जमाल हसन ने बताया कि दरभंगा शहरी विधानसभा में कुल 354 बूथ हैं, लेकिन अभी तक केवल 2 बूथों की जानकारी ही सार्वजनिक की गई है। कांग्रेस की टीम हर बूथ की गहन जांच कर रही है और आने वाले समय में और भी बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा किया जाएगा। उन्होंने वोटर लिस्ट का हवाला देते हुए कहा कि बूथ संख्या 138 पर 87 मतदाताओं का मकान संख्या शून्य दर्ज है, जो कि मतदाता की पहचान के लिए महत्वपूर्ण है। बूथ संख्या 170 पर स्थिति और भी चिंताजनक है, जहां विभिन्न मकान संख्याओं पर बड़ी संख्या में मतदाता दर्ज हैं।
चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
यह कौन-सा SIR
डॉ. जमाल हसन ने कहा कि 79 मतदाताओं का मकान संख्या शून्य या किसी स्थान के नाम से दर्ज किया गया है, जो सीधे तौर पर धांधली का संकेत है। यह सवाल उठता है कि चुनाव आयोग किस दबाव में इस तरह की गड़बड़ी कर रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से सफाई देने के बजाय मुद्दे को भटकाया जा रहा है। लोकतंत्र से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
लोकतंत्र की सुरक्षा का सवाल
पूरे लोकतंत्र का सवाल
डॉ. जमाल हसन ने कहा कि यह मामला किसी एक धर्म या जाति का नहीं, बल्कि पूरे लोकतंत्र का है। चुनाव आयोग ने फर्जी मकान संख्याओं में सभी धर्मों और जातियों के मतदाताओं को शामिल किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि धांधली योजनाबद्ध तरीके से की गई है। वोट की चोरी एक गंभीर अपराध है और यह केवल व्यक्तिगत अधिकार नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव पर हमला है। युवा अब जागरूक हो चुके हैं और अपनी वोट की चोरी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह लड़ाई लंबी हो सकती है, लेकिन यह आवश्यक है। अगर आज हम चुप रहे, तो कल लोकतंत्र का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।