दलाई लामा का 90वां जन्मदिन: अनुशासित जीवनशैली और फिटनेस के राज

दलाई लामा का जन्मदिन
दलाई लामा का 90वां जन्मदिन: बौद्ध धर्म के प्रमुख अनुयायी दलाई लामा, जिन्होंने तिब्बत से भारत में शरण ली, आज 90 वर्ष के हो गए हैं। उनका जन्म 6 जुलाई 1935 को तिब्बत के अमदो क्षेत्र के ताक्सर गांव में हुआ था, जो वर्तमान में चीन के किंगहाई प्रांत में स्थित है। दलाई लामा की फिटनेस और स्वास्थ्य का राज उनकी अनुशासित जीवनशैली में छिपा है। आइए जानते हैं उनके दैनिक रूटीन के बारे में।
दलाई लामा कैसे बने?
तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं ने उन्हें 2 वर्ष की आयु में थुब्तेन ग्यात्सो के पुनर्जन्म के रूप में मान्यता दी थी। 5 वर्ष की आयु में उन्हें औपचारिक रूप से दलाई लामा घोषित किया गया और 15 वर्ष की उम्र में उन्होंने राजनीतिक जिम्मेदारियां संभाल ली थीं। उन्हें 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
भारत से संबंध
दलाई लामा ने 1959 में तिब्बत पर चीन के नियंत्रण के बाद भारत में शरण ली। वे वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में निवास करते हैं, जिसे 'लिटिल तिब्बत' भी कहा जाता है।
फिटनेस का राज
दलाई लामा का मानना है कि अनुशासन जीवन जीने की कला है। वे प्रतिदिन सुबह 3 बजे उठते हैं और स्नान के बाद 5 बजे तक ध्यान करते हैं। इसके बाद वे नियमित रूप से वॉक या ट्रेडमिल पर दौड़ते हैं।
साबुत अनाजों वाला नाश्ता
सुबह के व्यायाम के बाद, दलाई लामा 5:30 बजे नाश्ता करते हैं, जिसमें मोटा अनाज, दलिया या जौ शामिल होते हैं। वे चाय के साथ टोस्ट भी लेते हैं और इस दौरान समाचार सुनना पसंद करते हैं। इसके बाद वे ध्यान मुद्रा में बैठते हैं और प्रार्थना करते हैं। सुबह 9 बजे वे बौद्ध धर्म की किताबें पढ़ते हैं।
डिनर स्किप और सोने का समय
दलाई लामा का लंच समय निश्चित है, वे 11 बजे भोजन करते हैं और 3:30 बजे तक अपने कार्यों में व्यस्त रहते हैं। शाम को 5 बजे वे चाय पीते हैं और रात का खाना नहीं खाते, क्योंकि उनके धर्म में रात का खाना खाने की परंपरा नहीं है। वे प्रतिदिन 7 बजे सोने जाते हैं।
युवाओं के लिए प्रेरणा
दलाई लामा की जीवनशैली यह सिखाती है कि फिटनेस केवल जिम में भारी व्यायाम से नहीं, बल्कि साधारण जीवनशैली, ध्यान, हल्के व्यायाम और संतुलित आहार से भी प्राप्त की जा सकती है।