दलाई लामा का 90वां जन्मदिन: भारत पर उनका प्रभाव

दलाई लामा का जन्मदिन समारोह
दलाई लामा का भारत में प्रभाव: तिब्बती धार्मिक नेता दलाई लामा ने 6 जुलाई 2025 को अपने 90वें जन्मदिन का जश्न मनाया। वे भारत में शरण लिए हुए हैं और हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में निवास करते हैं। उनका जन्मदिन समारोह उनके निवास पर ही आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी उन्हें बधाई देने के लिए पहुंचे। हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेरे भी इस अवसर पर उपस्थित थे। दलाई लामा का भारत के लिए महत्व अत्यधिक है, और उनका प्रभाव रणनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और कूटनीतिक क्षेत्रों में महसूस किया जाता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव
दलाई लामा का भारत पर गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव है। वे तिब्बती बौद्ध धर्म के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता हैं और 1959 में तिब्बत से भारत आए थे। उनके आगमन से भारत में तिब्बती बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ है, जिससे बौद्ध धर्म की अध्ययन को बढ़ावा मिला है। उनके निवास के कारण धर्मशाला एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन गया है। दलाई लामा के अहिंसा और करुणा के संदेश भारतीय समाज के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करते हैं, जो गांधीवादी परंपरा के समान है।
भारत-चीन संबंधों पर प्रभाव
दलाई लामा के भारत में शरण लेने से भारत-चीन संबंधों पर भी असर पड़ा है। चीन उन्हें अलगाववादी नेता मानता है, और भारत द्वारा उन्हें शरण देने को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है। इस कारण से भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है, लेकिन भारत ने अपने संबंधों को संतुलित रखने की कोशिश की है। भारत ने दलाई लामा को शरण देकर मानवीयता का परिचय दिया है, जबकि यह सुनिश्चित किया है कि तिब्बती समुदाय भारत में कोई ऐसी राजनीतिक गतिविधि न करे जो चीन को उत्तेजित करे।
उत्तराधिकारी चयन विवाद
दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर उनके उत्तराधिकारी को लेकर विवाद भी चल रहा है। उत्तराधिकारी का चयन उनकी इच्छा और तिब्बती बौद्ध परंपराओं पर निर्भर करेगा। दलाई लामा ने स्पष्ट किया है कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट इस चयन की प्रक्रिया को संभालेगा। भविष्य के दलाई लामा के पुनर्जन्म की पहचान की जिम्मेदारी भी इसी ट्रस्ट की होगी। इस प्रक्रिया में तिब्बती बौद्ध परंपराओं के प्रमुखों से सलाह ली जाएगी, और किसी भी बाहरी संस्था या सरकार को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं होगा।
दीर्घकालिक जीवन की इच्छा
दलाई लामा ने 100 साल से अधिक जीने की इच्छा व्यक्त की है। 5 जुलाई 2025 को उन्होंने भविष्यवाणी की कि वे 40 साल और जीवित रहेंगे और 130 साल की उम्र तक बौद्ध धर्म की सेवा करते रहेंगे। उन्होंने पहले भी कहा था कि वे 110 साल तक जी सकते हैं। दलाई लामा ने 2015 में दलाई लामा से जुड़े मामलों के लिए गादेन फोडंग ट्रस्ट का गठन किया था, जो आगे भी जारी रहेगा और दलाई लामा का चयन करेगा।