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दहेज प्रताड़ना के खिलाफ अनोखा विरोध: '498ए टी कैफे' की कहानी

मध्य प्रदेश के नीमच जिले में कृष्ण कुमार धाकड़ ने दहेज प्रताड़ना के झूठे आरोपों के खिलाफ '498ए टी कैफे' खोला है। इस अनोखी चाय की दुकान पर वह न्याय की गुहार लगा रहे हैं। केके की कहानी न केवल व्यक्तिगत संघर्ष को दर्शाती है, बल्कि यह कानून के दुरुपयोग के खिलाफ एक शांतिपूर्ण आंदोलन का प्रतीक भी है। जानें कैसे उन्होंने अपने दर्द को साझा करने के लिए इस अनोखे तरीके का सहारा लिया।
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दहेज प्रताड़ना के खिलाफ अनोखा विरोध: '498ए टी कैफे' की कहानी

नीमच में एक युवक का अनोखा विरोध

नीमच: मध्य प्रदेश के नीमच जिले में एक युवक ने अपनी पीड़ा को साझा करने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है, जो अब पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। दहेज प्रताड़ना के झूठे आरोपों से परेशान होकर, कृष्ण कुमार धाकड़ उर्फ केके ने राजस्थान के बारां जिले के अंता क्षेत्र में '498ए टी कैफे' नामक चाय की दुकान खोली है।


चाय की दुकान का उद्देश्य

यह कैफे केवल चाय बेचने का स्थान नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक संघर्ष की कहानी को भी बयां करता है। केके चाय बनाते समय हथकड़ी पहनकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं, जिसके चलते सोशल मीडिया पर '#जस्टिसफॉरकेके' हैशटैग ट्रेंड कर रहा है। दुकान के चारों ओर लगे होर्डिंग्स और स्लोगन जैसे 'जब तक नहीं मिलता न्याय, तब तक उबलती रहेगी चाय' लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।


केके की कहानी

केके, जो अठाना के निवासी हैं, पहले यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। 2019 में शादी के बाद, उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मधुमक्खी पालन शुरू किया और कई महिलाओं को रोजगार भी दिया। इस प्रयास की सराहना पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी की थी। लेकिन अक्टूबर 2022 में उनकी पत्नी मायके चली गई और उन पर दहेज प्रताड़ना के तहत मामला दर्ज कर दिया गया, जिससे उनका कारोबार ठप हो गया।


न्याय की लड़ाई

इस अन्याय से परेशान होकर, केके ने आत्महत्या के विचार को छोड़कर '498ए टी कैफे' की स्थापना की। वह दुकान पर वरमाला, दूल्हे का सेहरा और हथकड़ी जैसे प्रतीकों के माध्यम से अपने दर्द को व्यक्त करते हैं। यह प्रदर्शन केवल व्यक्तिगत पीड़ा का इजहार नहीं, बल्कि कानून के दुरुपयोग के खिलाफ एक शांतिपूर्ण आंदोलन भी है।


मां का समर्थन

केके की मां ने बताया कि उनके बेटे का यह कदम न्याय की प्राप्ति के लिए है। उन्होंने कहा कि यह संदेश देना चाहते हैं कि किसी को परेशान नहीं करना चाहिए और हर परिस्थिति का सामना करना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि गलत लोगों को सजा मिले और उनके बेटे की मदद की जाए।


कानून का दुरुपयोग

उन्होंने मेरठ और इंदौर जैसे मामलों का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे कुछ महिलाएं कानून का दुरुपयोग कर रही हैं, जिससे पुरुषों का जीवन बर्बाद हो रहा है।