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दानिश सिद्दीकी फाउंडेशन की न्याय की मांग: तालिबान की जवाबदेही पर जोर

दानिश सिद्दीकी फाउंडेशन ने तालिबान से न्याय की मांग की है, जो पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार थे और 2021 में अफगानिस्तान में मारे गए थे। उनके अनुयायी भारत सरकार से अपील कर रहे हैं कि उनकी हत्या के मामले में न्याय सुनिश्चित किया जाए। फाउंडेशन का मानना है कि तालिबान के विदेश मंत्री की भारत यात्रा न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकती है। जानें इस मामले में क्या हो रहा है और सिद्दीकी की विरासत के बारे में।
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दानिश सिद्दीकी फाउंडेशन की न्याय की मांग: तालिबान की जवाबदेही पर जोर

दानिश सिद्दीकी फाउंडेशन का परिचय


दानिश सिद्दीकी फाउंडेशन: दानिश सिद्दीकी, जो एक पुलित्जर पुरस्कार विजेता और रॉयटर्स के वरिष्ठ फोटोजर्नलिस्ट थे, जुलाई 2021 में अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डक में तालिबान और अफगान विशेष बलों के बीच संघर्ष के दौरान अपनी जान गंवा बैठे थे.


तालिबान से न्याय की अपील

उनके अनुयायी और दानिश सिद्दीकी फाउंडेशन भारत सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि उनकी हत्या के मामले में न्याय सुनिश्चित किया जाए और तालिबान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जवाबदेह ठहराया जाए. फाउंडेशन ने कहा कि तालिबान के विदेश मंत्री की भारत यात्रा न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है. उन्होंने LinkedIn पर लिखा, 'हम न्याय की मांग को दोहराते हैं. दानिश सिद्दीकी, एक प्रतिष्ठित भारतीय पत्रकार थे, जिन्हें 2021 में अफगानिस्तान में रिपोर्टिंग के दौरान बंदी बनाया गया, प्रताड़ित किया गया और मारा गया. हम भारत सरकार की मदद चाहते हैं ताकि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के माध्यम से न्याय सुनिश्चित किया जा सके.'


हत्या की भयावह परिस्थितियां

सिद्दीकी उस समय अफगान विशेष बलों के साथ स्पिन बोल्डक में थे. जब उन पर हमला हुआ, तो उन्हें एक मस्जिद में ले जाया गया, जो पारंपरिक रूप से शरणस्थल माना जाता था. लेकिन तालिबान के हमले के दौरान उन्हें बंदी बना लिया गया, प्रताड़ित किया गया और अंततः उनकी हत्या कर दी गई. रिपोर्टों के अनुसार, उनकी लाश को सार्वजनिक रूप से अपमानजनक तरीके से नष्ट किया गया, जिसमें तालिबान की रेड यूनिट का हाथ माना जाता है.


अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई

सिद्दीकी के माता-पिता ने 22 मार्च 2022 को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) में कुछ प्रमुख तालिबान नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. इसमें तालिबान लीडरशिप काउंसिल के प्रमुख हसन अखुंद, तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख अब्दुल गनी बरादर, रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद, कंधार प्रांत के गवर्नर गुल आगा शेरजाई, तालिबान प्रवक्ता जाबीउल्ला मुजाहिद और स्थानीय कमांडर शामिल हैं.


दानिश की विरासत और पुलित्जर पुरस्कार

दानिश सिद्दीकी को कोविड-19 संकट के दौरान भारत में उनके प्रभावशाली कवरेज के लिए 10 मई 2022 को मरणोपरांत पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उनके कार्य ने वैश्विक स्तर पर मानवीय और पत्रकारिता के महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया. फाउंडेशन और उनके परिवार का उद्देश्य है कि उनकी हत्या के जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाए.