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दिल्ली उच्च न्यायालय में एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी कम करने की याचिका पर केंद्र का कड़ा विरोध

दिल्ली उच्च न्यायालय में एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी कम करने की याचिका पर केंद्र सरकार ने कड़ा विरोध जताया है। सरकार का कहना है कि एयर प्यूरीफायर चिकित्सा उपकरण नहीं हैं और जीएसटी परिषद इस तरह का वर्गीकरण नहीं कर सकती। अदालत ने प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए जीएसटी परिषद से बैठक बुलाने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता के इरादों पर भी सवाल उठाए गए हैं। जानें इस मामले में आगे क्या होगा और अदालत की अगली सुनवाई कब होगी।
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दिल्ली उच्च न्यायालय में एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी कम करने की याचिका पर केंद्र का कड़ा विरोध

दिल्ली में एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी को लेकर सुनवाई


नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय में एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी में कमी लाने और इन्हें चिकित्सा उपकरण मानने की जनहित याचिका पर केंद्र सरकार ने विरोध जताया है। सरकार का कहना है कि एयर प्यूरीफायर चिकित्सा उपकरण नहीं हैं और जीएसटी परिषद इस तरह का वर्गीकरण नहीं कर सकती। इसके साथ ही याचिकाकर्ता के इरादों पर भी सवाल उठाए गए हैं।


केंद्र का पक्ष अदालत में


शुक्रवार को हुई सुनवाई में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने अदालत को बताया कि जीएसटी में कमी लाने की प्रक्रिया निश्चित है, जिसे दरकिनार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद एक संवैधानिक संस्था है जिसमें सभी राज्य शामिल हैं और सभी निर्णय आमने-सामने की बैठक में लिए जाते हैं। इसके अलावा, सरकार ने विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा है।


एएसजी ने यह भी स्पष्ट किया कि चिकित्सा उपकरणों का वर्गीकरण स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किया जाता है, न कि जीएसटी परिषद द्वारा। याचिका में स्वास्थ्य मंत्रालय को पक्षकार नहीं बनाया गया है, फिर भी ऐसे बदलाव की मांग की गई है।


अदालत की चिंताएं और प्रश्न


दरअसल, 24 दिसंबर को अदालत ने दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए जीएसटी परिषद से तुरंत बैठक बुलाने और निर्णय लेने का निर्देश दिया था। पीठ ने यह भी पूछा कि एयर प्यूरीफायर की कीमत 10-15 हजार रुपये है, तो जीएसटी कम करके इसे आम लोगों की पहुंच में क्यों नहीं लाया जा सकता? अदालत ने कहा कि प्रदूषण की गंभीर स्थिति में हर आवश्यक कदम उठाना चाहिए।


याचिकाकर्ता के इरादों पर संदेह


केंद्र ने याचिका को जनहित से अधिक निजी लाभ की कोशिश बताया। एएसजी ने कहा कि याचिकाकर्ता संभवतः किसी विशेष कंपनी या व्यक्ति को लाभ पहुंचाना चाहते हैं। वित्त मंत्रालय में इस पर उच्च स्तर पर चर्चा हुई है और कई चिंताएं उठाई गई हैं। सरकार ने सुझाव दिया कि याचिका को अभ्यावेदन में परिवर्तित किया जाए, ताकि उचित जांच की जा सके।


आगे की सुनवाई कब होगी?


अदालत ने केंद्र को 10 दिन में विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी 2026 को होगी। यह मामला दिल्ली-एनसीआर के खराब वायु प्रदूषण से संबंधित है, जहां एयर प्यूरीफायर कई घरों में आवश्यक हो गए हैं। हालांकि, सरकार का मानना है कि जीएसटी और वर्गीकरण जैसे मुद्दों पर संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है।