दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में मूसलधार बारिश का अलर्ट

मौसम अपडेट
मौसम अपडेट: दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में पिछले रात से लगातार तेज बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। राजधानी दिल्ली के कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है और विभिन्न स्थानों पर वाहनों के फंसने की घटनाएं सामने आई हैं। मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड के लिए तीन अगस्त को भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
ऑरेंज अलर्ट जारी
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई जिलों में रविवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन क्षेत्रों में भारी से अत्यधिक बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा, बिहार के उत्तरी हिस्सों में भी तीन अगस्त को मूसलधार वर्षा की संभावना है, जिससे निचले इलाकों में जलजमाव और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश
पहाड़ी क्षेत्रों में भी भारी बारिश
हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के पहाड़ी क्षेत्रों में भी भारी बारिश का अनुमान है। वहीं, पूर्वोत्तर भारत जैसे सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और उत्तरी पश्चिम बंगाल में तीन और चार अगस्त को अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
अगस्त और सितंबर में बारिश
अगस्त और सितंबर में मौसम
भारत मौसम विभाग का कहना है कि अगस्त और सितंबर में भी देशभर में अच्छी बारिश देखने को मिलेगी। जून में सामान्य से 9% और जुलाई में 5% अधिक वर्षा दर्ज की गई। हालांकि, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से अब तक बारिश के लिए तरसते रहे हैं। इन क्षेत्रों में अब मानसून के ट्रैक के उत्तर की ओर खिसकने से भारी बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे सूखे की स्थिति में राहत मिलने की उम्मीद है।
नदियों के जलस्तर में वृद्धि
नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी
इस बीच, गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में जरूरत से ज्यादा बारिश हुई है, जिससे फसलें प्रभावित हुई हैं। बिहार में अब तक सामान्य से 40% कम वर्षा हुई है, लेकिन आने वाले दिनों में यह अंतर भी कम हो सकता है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में हिमालयी क्षेत्रों में अधिक वर्षा हो सकती है, जिससे उत्तर बिहार की नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। इससे बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है। मानसून की सक्रियता कुछ समय के लिए ब्रेक भी ले सकती है, जिससे वर्षा का संतुलन बना रहेगा.