दिल्ली-एनसीआर में नई राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन: क्या हैं इसके लाभ?

दिल्ली-एनसीआर के लिए नई राजमार्ग परियोजनाएं
दिल्ली-एनसीआर के राजमार्ग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली-एनसीआर के लिए दो महत्वपूर्ण राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 11,000 करोड़ रुपये है, और इनका उद्देश्य राजधानी की यातायात व्यवस्था को सुधारना और एनसीआर की कनेक्टिविटी को बढ़ाना है।
रोड शो से पहले का कार्यक्रम
दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में आयोजित समारोह से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने एक भव्य रोड शो किया और परियोजनाओं का निरीक्षण भी किया। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बताया कि ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री मोदी के विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के दृष्टिकोण को दर्शाती हैं, जो जीवन को सरल और आवाजाही को सुगम बनाती हैं।
उद्घाटन की गई परियोजनाएं
1. द्वारका एक्सप्रेसवे (दिल्ली खंड)
2. शहरी विस्तार मार्ग-द्वितीय (UER-II)
ये दोनों परियोजनाएं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अंतर्गत विकसित की गई हैं, और इनका मुख्य उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक का बोझ कम करना है।
द्वारका एक्सप्रेसवे का विवरण
द्वारका एक्सप्रेसवे का दिल्ली खंड लगभग 10.1 किलोमीटर लंबा है और इसकी लागत करीब 5,360 करोड़ रुपये है। यह यशोभूमि, दिल्ली मेट्रो की ब्लू और ऑरेंज लाइनों, प्रस्तावित बिजवासन रेलवे स्टेशन और द्वारका बस डिपो से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। परियोजना को दो खंडों में विभाजित किया गया है—शिव मूर्ति चौक से द्वारका सेक्टर-21 और फिर वहां से दिल्ली-हरियाणा सीमा तक।
UER-II: नई बाहरी रिंग रोड
UER-II, जिसे लगभग 5,580 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है, दिल्ली की नई बाहरी रिंग रोड के रूप में कार्य करेगा। इसके अलीपुर-दिचाओं कलां खंड और बहादुरगढ़-सोनीपत कनेक्टिविटी से भारी वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होंगे, जिससे भीतर के ट्रैफिक पर दबाव कम होगा।
उद्घाटन समारोह में उपस्थित लोग
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और अन्य भाजपा नेता भी उपस्थित थे। समारोह का उद्घाटन दोपहर करीब 1:30 बजे हुआ।
इन परियोजनाओं के लाभ
1. यातायात जाम में कमी
2. इंदिरा गांधी हवाई अड्डे तक तेज पहुंच
3. प्रदूषण में गिरावट
4. ईंधन की बचत
5. दिल्ली-गुरुग्राम के बीच बेहतर कनेक्टिविटी
6. औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्र में सुधार