दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का संकट: क्या है वायु गुणवत्ता का हाल?
दिल्ली में प्रदूषण का खतरनाक स्तर
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। जैसे-जैसे सर्दियां नजदीक आ रही हैं, वायु गुणवत्ता तेजी से deteriorate हो रही है और हवा में जहरीले कणों की मात्रा खतरनाक स्तर तक बढ़ गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, शनिवार सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 384 दर्ज किया गया, जो कि 'गंभीर' श्रेणी में आता है। यह स्तर उन लोगों के लिए भी खतरनाक है जो सामान्य रूप से स्वस्थ माने जाते हैं।
एनसीआर के अन्य शहरों की स्थिति
दिल्ली के आसपास के कई शहरों की स्थिति और भी चिंताजनक है। नोएडा में AQI 418 तक पहुंच गया है, जो सीधे 'गंभीर' श्रेणी में आता है। फरीदाबाद में AQI 402 और गुरुग्राम में 361 दर्ज किया गया है। गाजियाबाद में भी हवा की गुणवत्ता 379 के खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी प्रदूषण से प्रभावित है, जहां AQI 355 रिकॉर्ड किया गया। चंडीगढ़ का स्तर 313 और देहरादून का 251 रहा। इन सभी स्थानों पर हवा 'बहुत खराब' श्रेणी में मानी जाती है।
पहाड़ी क्षेत्रों में बेहतर स्थिति
जहां मैदानों में सांस लेना मुश्किल हो रहा है, वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है। उत्तराखंड के नैनीताल में AQI 94 है, जो 'संतोषजनक' श्रेणी में आता है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में यह आंकड़ा केवल 30 है, जो हवा की 'अच्छी' गुणवत्ता को दर्शाता है। इससे स्पष्ट है कि पहाड़ों की ताजगी और ठंडक प्रदूषण के प्रभाव को कम करने में सहायक है।
दिल्ली का प्रदूषण: एक वार्षिक समस्या
दिल्ली के लिए सर्दियों का मौसम प्रदूषण की सबसे खराब अवधि होती है। हर साल अक्टूबर से जनवरी के बीच प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता है। खेतों में पराली जलाना, वाहन उत्सर्जन, औद्योगिक धुआं, निर्माण कार्य और ठंडी हवाओं का धीमा बहाव, ये सभी कारण जहरीली हवा को जमीन पर चिपकाए रखते हैं।
इसलिए, सर्दियों में दिल्ली को अक्सर 'गैस चैंबर' कहा जाता है और यह दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शीर्ष पर रहता है।
AQI के स्तर की जानकारी
CPCB के अनुसार:
- 0–50: अच्छा
- 51–100: संतोषजनक
- 101–200: मध्यम
- 201–300: खराब
- 301–400: बहुत खराब
- 401–500: गंभीर
वर्तमान में दिल्ली और एनसीआर के अधिकांश शहर 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी के बीच हैं।
आने वाले दिनों में राहत की उम्मीद नहीं
वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक हवा की गुणवत्ता में सुधार की कोई संभावना नहीं है। दिल्ली की स्थानीय प्रदूषण प्रबंधन प्रणाली के अनुसार, परिवहन क्षेत्र का योगदान कुल प्रदूषण का लगभग 13.7 प्रतिशत है।
इसके अलावा, एनसीआर के कई पड़ोसी जिले भी दिल्ली की हवा को प्रदूषित करने में योगदान दे रहे हैं। झज्जर, रोहतक, सोनीपत और गुरुग्राम से प्रदूषकों का महत्वपूर्ण हिस्सा राजधानी की हवा में मिल रहा है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर का प्रदूषण सांस, एलर्जी, अस्थमा और हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देता है। डॉक्टरों की सलाह है कि लोग बिना आवश्यकता घर से बाहर न निकलें और बाहर निकलते समय उच्च गुणवत्ता वाला मास्क पहनें। बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
