दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का संकट: दिवाली से पहले बढ़ी जहरीली हवा

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण: उत्तर भारत में सर्दी का असर धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। रात में ठंडक में इजाफा हो रहा है, जबकि दिन में कुछ स्थानों पर हल्की गर्मी का अनुभव हो रहा है। दिवाली के नजदीक आते ही प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे दिल्ली और उसके आस-पास की हवा बेहद खराब हो गई है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का खतरनाक स्तर
धनतेरस के दिन, दिल्ली-एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई स्थानों पर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। आनंद विहार में पिछले दो दिनों से AQI 300 के पार दर्ज किया गया, और शनिवार सुबह 6 बजे यह 390 तक पहुंच गया, जो कि बहुत खराब श्रेणी में आता है। वहीं, द्वारका का AQI सुबह 6 बजे 280 रहा, जो खराब श्रेणी में आता है।
प्रदूषण में वृद्धि का मुख्य कारण आसपास के राज्यों में पराली जलाना और दिवाली के दौरान पटाखों का अत्यधिक उपयोग बताया जा रहा है। इसके चलते राजधानी में धुंध और जहरीली हवा का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।
दिल्ली का मौसम
आईएमडी के अनुसार, दिल्ली में अधिकतम तापमान लगभग 32 से 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। सुबह के समय हवा की गति लगभग 6 किमी प्रति घंटे दर्ज की गई। प्रदूषण के बीच, धनतेरस की सुबह दिल्ली में हल्की ठंड का अनुभव किया गया। वजीरपुर क्षेत्र में सुबह 6 बजे AQI 362 दर्ज किया गया।
उत्तर प्रदेश का मौसम
उत्तर प्रदेश में दिवाली सप्ताह के दौरान मौसम मुख्यतः साफ रहने की उम्मीद है। अगले कुछ दिनों में बारिश की कोई संभावना नहीं है। 20 अक्टूबर तक मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं आने की संभावना है, हालांकि कई स्थानों पर बादल छाए रह सकते हैं। दिन में गर्मी महसूस हो सकती है, लेकिन रात में ठंड बढ़ने की संभावना है, विशेषकर पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आ सकती है।
उत्तराखंड और हिमाचल का मौसम
पहाड़ी राज्यों में मौसम में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में 24 से 30 अक्टूबर के बीच हल्की बारिश या बर्फबारी की संभावना है, जिससे तापमान में तेज गिरावट देखने को मिल सकती है। उत्तराखंड में भी अगले एक-दो दिनों में हल्की बारिश की आशंका है। इन परिस्थितियों के चलते पहाड़ी क्षेत्रों में ठंड बढ़ेगी और वहां के निवासियों को अधिक सावधानी बरतनी होगी।