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दिल्ली-एनसीआर में बारिश का कहर: मध्य प्रदेश और राजस्थान में बाढ़ की स्थिति गंभीर

दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है, जहां राहत कार्य जारी हैं। उत्तराखंड और हिमाचल में भूस्खलन से यात्रा प्रभावित हुई है। जानें इन क्षेत्रों में हालात कैसे हैं और राहत कार्यों की जानकारी।
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दिल्ली-एनसीआर में बारिश का कहर: मध्य प्रदेश और राजस्थान में बाढ़ की स्थिति गंभीर

दिल्ली-एनसीआर में बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 31 जुलाई को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। देर रात से हो रही बारिश ने सुबह-सुबह ऑफिस जाने वाले लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। सड़कों पर वाहनों की गति धीमी हो गई है। हरियाणा में भी रेड अलर्ट जारी किया गया है। अगले कुछ घंटों में दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में तेज बारिश की संभावना है।


मध्य प्रदेश में बाढ़ की गंभीर स्थिति

मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के कारण स्थिति बिगड़ गई है। गुना और शिवपुरी जिलों में बाढ़ राहत कार्यों के लिए सेना को बुलाना पड़ा है। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की चंबल और सिंध नदियां उफान पर हैं। दमोह जिले में लगभग 24 गांव प्रभावित हुए हैं, जहां करीब 500 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। भोपाल क्षेत्र में पिछले दो दिनों में 12 लोगों की जान जा चुकी है और संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है।


शिवपुरी के कोलारस क्षेत्र में 30 स्कूली बच्चे नाले के जलस्तर बढ़ने के कारण फंस गए हैं, जिन्हें गांव के सरपंच के घर सुरक्षित रखा गया है। अन्य गांवों से भी 100 से अधिक लोगों के फंसे होने की सूचना है। मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों के लिए सेना से दो हेलीकॉप्टर की मांग की है। 91 गांवों के लिए 64 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।


राजस्थान में बाढ़ और संपर्क टूटना

राजस्थान के कई जिलों में लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। जयपुर, कोटा, दौसा, भरतपुर, अजमेर और अन्य जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। सवाई माधोपुर और कोटा के पुल बह जाने के कारण राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच सड़क संपर्क टूट गया है।


उत्तराखंड-हिमाचल में भूस्खलन से यात्रा बाधित

उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण गौरीकुंड हाईवे बह गया, जिससे केदारनाथ यात्रा स्थगित हो गई है। तीन हजार से अधिक यात्रियों को सोनप्रयाग में रोका गया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के चंबा में बादल फटने से दो गांवों में भारी नुकसान हुआ है। चमोली में भूस्खलन से दो मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।


जम्मू-कश्मीर में हादसे और यात्रा में बदलाव

जम्मू-कश्मीर में बारिश और भूस्खलन के कारण चार लोगों की मौत हो गई है, जिनमें तीन शिक्षक शामिल हैं। श्री अमरनाथ यात्रा अब केवल बालटाल मार्ग से 1 अगस्त से जारी रहेगी। पहलगाम मार्ग पर बारिश से हुए नुकसान की मरम्मत की जा रही है। इस वर्ष अब तक 3.93 लाख श्रद्धालु यात्रा कर चुके हैं, और यह आंकड़ा चार लाख के पार होने की उम्मीद है।