दिल्ली-एनसीआर में वायरल बुखार के मामलों में वृद्धि: जानें कारण और बचाव के उपाय

दिल्ली-एनसीआर में वायरल बुखार की स्थिति
वायरल बुखार के मामले: दिल्ली-एनसीआर में मॉनसून के समाप्त होते ही वायरल बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। सामान्य सर्दी-खांसी से लेकर H3N2 इन्फ्लूएंजा जैसे गंभीर संक्रमणों तक, लोग बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, इस क्षेत्र के लगभग 70% घरों में एक या अधिक लोग वायरल बुखार या फ्लू से प्रभावित हैं। इनमें से 37% घरों में चार या उससे अधिक लोग बीमार हैं, जबकि केवल 25% घरों में कोई मरीज नहीं है।
वायरल बीमारियों में वृद्धि का कारण:
इस वर्ष मार्च की तुलना में वायरल संक्रमण के मामलों में काफी वृद्धि हुई है। उस समय केवल 54% परिवारों में ऐसी बीमारियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 70% तक पहुंच गया है। मॉनसून के बाद की नमी और तापमान में बदलाव ने वायरस के फैलने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनाई हैं। विशेष रूप से H3N2 इन्फ्लूएंजा का स्ट्रेन तेजी से लोगों को प्रभावित कर रहा है।
किसे है अधिक खतरा?
चिकित्सकों के अनुसार, बच्चों, बुजुर्गों और जिन लोगों को पहले से डायबिटीज, अस्थमा या हृदय संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। कुछ मरीजों में उल्टी, दस्त और पेट से संबंधित समस्याएं भी देखी जा रही हैं, जो स्थिति को और गंभीर बना सकती हैं।
बचाव के सरल उपाय:
- मास्क पहनें: भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का उपयोग करें।
- हाथ धोएं: बार-बार साबुन से हाथ धोकर संक्रमण से बचें।
- पौष्टिक आहार: इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए विटामिन-सी युक्त फल और हरी सब्जियां खाएं।
- हाइड्रेशन: पर्याप्त पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेट रखें।
- डॉक्टर की सलाह: बुखार या लक्षण बिगड़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
स्वस्थ रहें, सतर्क रहें:
वायरल बीमारियों से बचने के लिए समय पर उपचार और सावधानी बहुत महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें, ताकि वे इस मौसम में स्वस्थ रह सकें।