दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का संकट: एक्यूआई खतरनाक स्तर पर
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की गंभीर स्थिति
नोएडा में वायु प्रदूषण एक बार फिर चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। हालिया आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के 39 निगरानी स्टेशनों में से केवल 7 स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'खतरे के निशान' से नीचे है, जबकि अन्य सभी स्थानों पर हवा की गुणवत्ता बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में है।
दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता अत्यंत चिंताजनक बनी हुई है। आर.के.पुरम (335), रोहिणी (352), सोनिया विहार (350), वजीरपुर (377) और विवेक विहार (373) जैसे इलाकों में एक्यूआई 300 से ऊपर दर्ज किया गया है, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है।
सिरिफोर्ट (338), शादिपुर (330) और पूसा (333) में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है। नोएडा की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है, जहां सेक्टर-62 में एक्यूआई 304, सेक्टर-116 में 306, और सेक्टर-125 में 299 दर्ज किया गया है। गाजियाबाद में स्थिति और भी खराब है, लोनी में एक्यूआई 344 और वसुंधरा में 358 रहा है, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की हवा में लंबे समय तक रहने से सांस संबंधी बीमारियां, अस्थमा, आंखों में जलन और सिरदर्द जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। स्मॉग के कारण दृश्यता भी कम हो गई है, जिससे सुबह और शाम के समय वाहन चालकों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में हालात में सुधार की संभावना कम है क्योंकि हवा की गति धीमी है और तापमान में गिरावट के कारण प्रदूषक कण वातावरण में फंसे हुए हैं। सरकार और पर्यावरण विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे निजी वाहनों का कम इस्तेमाल करें, कार पूल या सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दें और निर्माण कार्यों में धूल नियंत्रण उपायों का पालन करें।
