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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति, AQI 450 के पार

दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण ने गंभीर स्थिति धारण कर ली है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 450 के पार पहुंच गया है। गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली के कई क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर 'अति गंभीर' श्रेणी में है। डॉक्टरों के अनुसार, अस्पतालों में प्रदूषण से प्रभावित मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। प्रशासन ने ग्रेप -4 नियम लागू किए हैं, लेकिन प्रदूषण में सुधार नहीं हो रहा है। जानें इस संकट के कारण और स्वास्थ्य पर प्रभाव।
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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति, AQI 450 के पार

दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का संकट

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण ने एक बार फिर गंभीर रूप ले लिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) और मौसम विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के कई क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के स्तर को पार कर चुका है, जो कि ‘अति गंभीर’ श्रेणी में आता है।


गाजियाबाद के वसुंधरा क्षेत्र में AQI 460 दर्ज किया गया, वहीं इंदिरापुरम में 412, लोनी में 401 और संजय नगर में 387 का स्तर रहा। नोएडा की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है, जहां सेक्टर-1 में AQI 460, सेक्टर-116 में 429, सेक्टर-125 में 419 और सेक्टर-62 में 398 दर्ज किया गया।


दिल्ली के हालात और भी गंभीर हैं। आनंद विहार में AQI 468, नेहरू नगर में 457, ओखला फेज-2 में 455, आरके पुरम में 446, पंजाबी बाग में 441, पटपड़गंज में 439 और अशोक विहार में 443 रिकॉर्ड किया गया। चांदनी चौक में AQI 428, बवाना में 427, डीटीयू में 420, पुसा में 417 और अलीपुर में 407 का स्तर देखा गया। लगभग सभी मॉनिटरिंग स्टेशनों पर हवा सांस लेने के लिए सुरक्षित नहीं रह गई है।


भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, 25 दिसंबर से न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने की संभावना है। 23 दिसंबर को अधिकतम तापमान 22 डिग्री और न्यूनतम 10 डिग्री रहा, जबकि 24 और 25 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 7 से 9 डिग्री सेल्सियस तक गिरने का अनुमान है। इस दौरान सुबह और रात के समय हल्का कोहरा छाया रहेगा, जिससे प्रदूषण और बढ़ सकता है। प्रदूषण के कारण अस्पतालों में सांस, दमा, एलर्जी और आंखों में जलन के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है।


डॉक्टरों के अनुसार, ओपीडी में प्रदूषण से प्रभावित मरीजों की संख्या में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को अधिक परेशानी हो रही है। इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप -4 के नियम लागू हैं। इसके तहत दिल्ली में बीएस -6 से नीचे के वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, निर्माण कार्य बंद हैं और स्कूलों में ऑनलाइन/हाइब्रिड व्यवस्था लागू की गई है। इसके बावजूद, प्रदूषण के स्तर में कोई खास सुधार नहीं दिख रहा है।


विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड, कोहरा, धीमी हवा और स्थानीय प्रदूषण स्रोतों के कारण फिलहाल राहत की उम्मीद कम है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक बाहर निकलने से बचें, मास्क का उपयोग करें और स्वास्थ्य संबंधी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।