दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति, स्वास्थ्य पर खतरा
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का संकट
नोएडा: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) सहित दिल्ली में वायु प्रदूषण ने एक बार फिर गंभीर रूप ले लिया है। पिछले 24 दिनों से जारी इस प्रदूषण ने लोगों के जीवन को कठिन बना दिया है। दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ नोएडा और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पार पहुंच गया है, जो इसे 'गंभीर' श्रेणी में रखता है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़े चिंताजनक हैं। आनंद विहार में एक्यूआई 400 दर्ज किया गया, जबकि अशोक विहार में 385, बवाना में 389, दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में 396 और वजीरपुर जैसे क्षेत्रों में भी इसी तरह के खतरनाक स्तर देखे गए हैं।
पूसा, आर के पुरम, शादीपुर, सिरीफोर्ट, सोनिया विहार, श्री अरबिंदो मार्ग और विवेक विहार जैसे क्षेत्र भी गंभीर प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। नोएडा की स्थिति भी चिंताजनक है, जहां सेक्टर-125 और सेक्टर-116 में क्रमशः 418 और 413 का एक्यूआई दर्ज किया गया है। सेक्टर-1 में 373 और सेक्टर-62 में 352 एक्यूआई रहा। ग्रेटर नोएडा का नॉलेज पार्क-V 421 के एक्यूआई के साथ सबसे खराब स्थिति में है, जबकि नॉलेज पार्क-III 339 पर है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव के संदर्भ में, वायु गुणवत्ता बेहद खराब है और इसके लंबे समय तक संपर्क में रहने से सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। गाजियाबाद के प्रमुख इलाके इंदिरापुरम, लोनी, संजय नगर और वसुंधरा भी इस गंभीर प्रदूषण से प्रभावित हैं। यहां भी एक्यूआई का स्तर चिंताजनक बना हुआ है।
गाजियाबाद के इंदिरापुरम में सबसे अधिक एक्यूआई 407 दर्ज किया गया है। इस गंभीर प्रदूषण का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। अस्पतालों में सांस संबंधी समस्याओं, अस्थमा, एलर्जी और फेफड़ों की बीमारियों के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। चिकित्सक बच्चों, बुजुर्गों और पहले से ही सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
इस संकट के पीछे एक बड़ा कारण मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां भी हैं। हवा की गति कम होने और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण प्रदूषक तत्व हवा में जमा होते जा रहे हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले एक सप्ताह तक मौसम में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होने वाला है, जिससे स्थिति के जल्द सामान्य होने की उम्मीद कम है। इस गंभीर स्थिति में नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे केवल अत्यावश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकलें, मास्क का उपयोग करें और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर लगाएं। सरकार और संबंधित एजेंसियों द्वारा आपातकालीन उपायों को लागू करने की तत्काल आवश्यकता है ताकि जनता के स्वास्थ्य को हो रहे नुकसान को कम किया जा सके।
