दिल्ली और केरल में बम धमकी से मचा हड़कंप: ताज होटल और मंदिरों को मिली चेतावनी

दिल्ली और केरल में बम धमकी की घटनाएं
दिल्ली ताज होटल बम धमकी: देश की राजधानी दिल्ली और केरल में शनिवार को बम धमकी की घटनाओं ने हड़कंप मचा दिया। चाणक्यपुरी स्थित ताज पैलेस होटल और केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर तथा अट्टुकल देवी मंदिर को एक समान धमकी भरे ईमेल प्राप्त हुए। हालांकि, जांच के बाद किसी भी स्थान पर विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन इस तरह की घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ताज होटल में 16 बम की धमकी
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस को शनिवार सुबह एक धमकी भरा ईमेल मिला जिसमें कहा गया था कि ताज होटल में 16 बम लगाए गए हैं और सुबह 11 बजे तक होटल को खाली करने का निर्देश दिया गया। उस समय होटल में कई वीवीआईपी मेहमान मौजूद थे, जिससे प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस, बम स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड ने होटल की बारीकी से जांच की, लेकिन कोई बम या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
हाई कोर्ट को भी मिली थी धमकी
पुलिस ने बताया कि यह ईमेल उसी आईडी से आया था, जिससे एक दिन पहले दिल्ली हाई कोर्ट को भी बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। हाई कोर्ट को भेजा गया ईमेल रात करीब 2 बजे आया था। इससे यह संभावना जताई जा रही है कि दोनों घटनाएं आपस में जुड़ी हो सकती हैं। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ईमेल की तकनीकी पड़ताल की जा रही है।
केरल के प्रमुख मंदिरों को धमकी
वहीं, केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में भी पद्मनाभस्वामी मंदिर और अट्टुकल देवी मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी भरे मेल प्राप्त हुए। पुलिस के अनुसार, मेल में किसी विशेष स्थान का उल्लेख नहीं था, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से पूरे मंदिर परिसर की गहन जांच की गई। बम स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड की मदद से तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन कोई विस्फोटक नहीं मिला।
साइबर जांच और केस दर्ज
दिल्ली पुलिस के साथ-साथ मुंबई पुलिस ने भी एक समान मामले में केस दर्ज किया है। बॉम्बे हाई कोर्ट को भी इसी प्रकार की धमकी भरा ईमेल मिला था। आज़ाद मैदान थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(1) और 353(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
सुरक्षा को लेकर नई रणनीति की आवश्यकता
इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देशभर के संवेदनशील संस्थानों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर नई रणनीति बनाने की आवश्यकता है। हालांकि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इस तरह की धमकियों से न केवल भय का माहौल बनता है, बल्कि प्रशासनिक संसाधनों का भी भारी नुकसान होता है।
फर्जी सूचनाओं को रोकने के लिए मजबूत तंत्र की आवश्यकता
बम धमकियों की यह श्रृंखला बताती है कि देश में साइबर सुरक्षा और फर्जी सूचनाओं को रोकने के लिए एक मजबूत तंत्र की आवश्यकता है। दिल्ली से केरल और मुंबई तक एक ही पैटर्न की घटनाएं देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर संकेत हैं। अब पुलिस और साइबर एजेंसियों के सामने असली चुनौती है इन ईमेल्स के पीछे छिपे असली चेहरों की पहचान करना और उन्हें कानून के कटघरे में लाना।