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दिल्ली कार ब्लास्ट: जांच में नए अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन का खुलासा

दिल्ली में 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट की जांच में नए अंतरराष्ट्रीय संबंधों का खुलासा हुआ है। आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी की तुर्की यात्रा और उसके बाद के संपर्कों की जानकारी सामने आई है। जांच में शामिल अन्य संदिग्धों के बारे में भी महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। जानें कैसे ये आरोपी एक बड़े आतंकी नेटवर्क का हिस्सा थे और किस प्रकार की साजिशें रची जा रही थीं।
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दिल्ली कार ब्लास्ट: जांच में नए अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन का खुलासा

नई दिल्ली में कार ब्लास्ट की जांच में नए तथ्य


नई दिल्ली: 10 नवंबर को दिल्ली में हुए कार विस्फोट की जांच में लगातार नए अंतरराष्ट्रीय संबंध सामने आ रहे हैं। जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी ने 2022 में तुर्की की यात्रा की थी, जहां उसने एक सीरियाई आतंकवादी से मुलाकात की। इस दौरान उसके साथ दो अन्य संदिग्ध, डॉ. मुजम्मिल शकील गनई और डॉ. मुजफ्फर राठेर भी मौजूद थे।


यह माना जा रहा है कि यह मुलाकात पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर उकाशा के निर्देश पर हुई थी। एनआईए इस यात्रा और मुलाकातों के उद्देश्य का गहराई से अध्ययन कर रही है।


20 दिनों तक तुर्की में रहे आरोपी

जांच में यह पता चला है कि उमर, मुजम्मिल और मुजफ्फर लगभग 20 दिनों तक तुर्की में रहे। इस दौरान वे उकाशा से मिलने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन यह मुलाकात नहीं हो पाई। बाद में उकाशा ने उन्हें एक सीरियाई नागरिक से संपर्क करने के लिए कहा, जो पहले से ही आतंकवादी संगठनों से जुड़ा हुआ था।


मुजफ्फर का अल-कायदा से संबंध

सूत्रों के अनुसार, मुजफ्फर तुर्की से आगे बढ़कर UAE के रास्ते अफगानिस्तान पहुंचा और वहीं अल-कायदा से जुड़ गया। दूसरी ओर, उमर भी अफगानिस्तान जाने की योजना बना रहा था, लेकिन उकाशा ने उसे भारत लौटकर एक बड़े आतंकी ऑपरेशन की तैयारी करने का निर्देश दिया।


भारत लौटकर आतंकी मॉड्यूल का गठन

भारत लौटने के बाद, उमर ने फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया, जहां उसने अपने साथियों के साथ एक छिपा हुआ आतंकी मॉड्यूल स्थापित किया। यह मॉड्यूल भविष्य के हमलों के लिए विस्फोटक और उपकरण इकट्ठा कर रहा था, लेकिन समय रहते इसका भंडाफोड़ हो गया।


एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उमर, मुजम्मिल और अदील राठेर टेलीग्राम के माध्यम से पाकिस्तान स्थित अपने तीन हैंडलर्स फैसल, हाशिम और उकाशा से लगातार संपर्क में थे। उन्हें वहीं से बम बनाने की तकनीक, कट्टरता फैलाने वाला साहित्य और हमलों के निर्देश मिलते थे।


चार डॉक्टर और एक मौलवी की गिरफ्तारी

एनआईए ने हाल ही में कार्रवाई करते हुए तीन डॉक्टर मुजम्मिल, अदील अहमद राठेर और डॉ. शाहीन सईद के साथ शोपियां के मौलवी मुफ्ती इरफान वागे को गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी के अनुसार, ये सभी आरोपी दिल्ली कार ब्लास्ट में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे और पूरे भारत में इसी तरह के हमलों की साजिश रच रहे थे।


प्लंबर और ड्रोन विशेषज्ञ की संलिप्तता

इससे पहले, एनआईए ने पंपोर के प्लंबर आमिर राशिद अली और काजीगुंड के जसीर बिलाल वानी को गिरफ्तार किया था। आमिर ने विस्फोट में इस्तेमाल की गई कार खरीदी और उमर के साथ कई दिनों तक रहा। जसीर पर आरोप है कि उसने ड्रोन को रॉकेट में बदलने और तकनीकी सहायता प्रदान करने का कार्य किया।


जैश मॉड्यूल का खुलासा

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नौगाम में जैश की गतिविधियों से जुड़े पोस्टरों के आधार पर एक व्यापक जांच शुरू की थी। इसी जांच में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े इन डॉक्टरों का कट्टरपंथी नेटवर्क सामने आया, जिसने दिल्ली ब्लास्ट मामले को एक बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकी षड्यंत्र के रूप में उजागर किया।